गणितीय गणना के माध्यम से मनरेगा स्किम की कार्य व्यवस्था को समझाया

 मेरठ । शोभित विश्वविद्यालय मेरठ में चल रहे तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे सत्र की शुरुआत मां सरस्वती की वंदना एवं दीप प्रज्वलन के साथ की गई । अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन के प्रथम सत्र में आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर डॉक्टर शिव प्रकाश यादव  ने गणितीय गणना के माध्यम से मनरेगा स्किम की कार्य व्यवस्था को समझाया । 

                इसके साथ -साथ इन्होंने गणित के उपयोग एवं इसके कार्यों की उपयोगिता को बहुत ही सरल तरीके से उपस्थित शोधकर्ता एवं विद्वत जनों के  बीच रखा । एकेटीयू लखनऊ के प्रोफेसर डॉ रोहित कुमार सिंह ने कंप्यूटर क्रांति से आ रहे बदलाव एवं ग्रीन कंप्यूटिंग पर अपने विचार रखें । डॉ रोहित ने कंप्यूटर के अलग-अलग मानकों पर शोध करने के लिए शोधकर्ताओं को प्रेरित किया । जैन विश्वविद्यालय बेंगलुरु के प्रोफेसर डॉ अजय कुमार ने कंप्यूटर गन्ना के विभिन्न बारीक तरीकों को समझाया एवं अंतरिक्ष विज्ञान में कंप्यूटर गन्ना की महत्ता बताई । इसके साथ-साथ डॉ अजय कुमार ने शोधकर्ता एवं छात्र छात्राओं को कंप्यूटर की भविष्य उपयोगिता को देखते हुए उस पर शोध करने की सलाह दी । जीएल बजाज आईटीएम नोएडा के प्रोफेसर डॉ प्रेम सी वशिष्ठ ने आधुनिक समय में शोध कार्य की उपयोगिता के बारे में अपने विचार रखें । डॉक्टर वशिष्ठ ने पुराने शोधकर्ताओं के द्वारा की गई शोध कार्यों के बारे में बताया और उनके शोध से सामाजिक कार्य क्षेत्र में आए बदलाव की भी जानकारी दी । सीसीएस विश्वविद्यालय के डॉ अमित शर्मा, एचआर आईटी गाजियाबाद के डॉ हर्ष के  तलूजा, यूएसबी यूनिवर्सिटी गया से प्रोफेसर वेंकटेश, सवइंची यूनिवर्सिटी इस्तांबुल से डॉ अंजुम खुरेशी  , साउथ अफ्रीफा, जोहान्सबर्ग यूनिवर्सिटी  से  प्रोफेसर पैनी गोविंदर, प्रोफेसर   ए के मिश्रा प्रोफेसर सीएम हुसैन, प्रोफेसर ब्रजेश गोस्वामी  आदि ने उपस्थित शोधकर्ताओं एवं विद्वत जनों के बीच अपने विचार रखें ।  अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे सत्र को   सफल बनाने में विश्वविद्यालय के सभी प्रोफेसर, सहायक प्रोफेसर, टेक्निकल स्टाफ, नॉन टेक्निकल स्टाफ सभी ने अपना अहम योगदान दिया ।

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