समाधान तंत्र-वर्तमान में मध्यस्थता विधि और उभरते रुझान- एक अवलोकन पर विशेष वार्ता का आयोजन
मेरठ। शोभित विश्वविद्यालय, के स्कूल ऑफ़ लॉ एंड कांस्टीट्यूशनल स्टडीज (विधि संकाय) मे आरंभ की गई "शोभित विश्वविद्यालय विधि प्रबोधन श्रंखला" के अंतर्गत भारत में 'विवाद के अनुकल्पीय समाधान तंत्र-वर्तमान में मध्यस्थता विधि और उभरते रुझान- एक अवलोकन" विषय पर विशेषज्ञ वार्ता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम विधि संकाय के निदेशक प्रमोद कुमार गोयल द्वारा विषय परिचय व स्वागत संबोधन के साथ प्रारंभ हुआ।
मुख्य वक्ता प्रसिद्ध विधिवेत्ता मनीष मेहरोत्रा, एडवोकेट, हाईकोर्ट, लखनऊ ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा गया कि संवाद ही समाधान का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने सलाह भी दी कि न्यायिक प्रशासन प्रकिया से संबंधित हर व्यक्ति का दायित्व है कि वह विवाद का हल पारस्परिक सद्भावना से करने में पक्षकारों को न केवल प्रोत्साहित करें वरन उनकी सहायता भी करें। उन्होंने प्राचीन धार्मिक ग्रंथों का उदाहरण देते हुए बताया कि मध्यस्थता से किस प्रकार मुकदमेवाजी का शीघ्र निस्तारण हो सकता है। सिविल प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों का उल्लेख करते हुए उन्होंने रेखांकित किया कि वादी एवं प्रतिवादी सुलह समझौते के आधार पर अपने वाद का निस्तारण करा सकते हैं और न्यायालय में जमा न्याय शुल्क वापस पा सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अब न्यायालय विचाराधीन विवादो को मध्यस्थता, सुलह, मीडिएशन और लोक अदालत द्वारा निस्तारण के लिए भेजने के लिए बाध्य है। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने प्रतिभागी छात्र-छात्राओं की जिज्ञासा के निवारण के लिए उनके प्रश्नों का सरल भाषा में उत्तर दिया। कार्यक्रम में बोलते हुए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र जी द्वारा विधि विभाग के छात्र-छात्राओं का आह्वान करते हुए अपेक्षा की कि वे व्यवसायिक युग में आर्बिट्रेशन कानून और उसकी बारीकियों को अच्छी तरह जानने का प्रयास करें और ग्रामीण क्षेत्रों में विवादों के पारस्परिक निस्तारण में सहायता करें।
कार्यक्रम समापन के पूर्व विधि विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर सुश्री जतिका कथुरिया द्वारा सभी का आभार प्रकट किया गया। यह कार्यक्रम ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों ही प्रकार से हाइब्रिड मोड में आयोजित किया गया तथा। इस कार्यक्रम में विधि विभाग के प्रोफेसर्स डॉ परंताप कुमार दास, लेफ्टिनेंट डॉ कुलदीप कुमार, पवन कुमार, मोहम्मद आमिर, नेहा भारती, पल्लवी जैन, अपूर्वा मिश्रा एवं अर्पना त्यागी तथा सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर श्री अभिनव पाठक तथा उनकी टीम का भी विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम का संचालन विधि विभाग के छात्र-छात्रा क्रमशः यशिका पंडित एवं उत्कर्ष गुप्ता बीकॉम एलएलबी चतुर्थ वर्ष द्वारा किया गया।
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