वरदान बना आयुष्मान कार्ड, मिली जिंदगी

योजना का लाभ लेने के लिए आयुष्मान कार्ड होना जरूरी : सीएमओ
आयुष्मान भारत योजना से अब तक 33538 लाभार्थियों को मिला लाभ

मेरठ, 6 अप्रैल 2023।  मेरठ निवासी आस मोहम्मद  को  दिल की बीमारी थी। उनके दिल में दो ब्लॉकेज थे। उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह दिल की बीमार के इलाज का खर्च उठा पाते। अच्छा हुआ वह आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना के लाभार्थी हैं और उनके पास आय़ुष्मान कार्ड है। ऐसे में उन्होंने धनवन्तरी अस्पताल में उपचार कराया, जिसमें 3.1 लाख का खर्च आया। आयुष्मान कार्ड के चलते उनके उपचार का पूरा खर्च सरकार ने उठाया। अब वह पूरी तरह स्वस्थ हैं।

इसी तरह  मुजफ्फरनगर निवासी रीटा को भी आयुष्मान कार्ड की बदौलत जिंदगी मिली। वह दिल की मरीज हैं। दिल की दिक्कत होने पर चिकित्सकों ने उन्हें मेरठ रेफर कर दिया। उन्होंने सीएमओ कार्यालय में सम्पर्क किया, जिस पर उन्हें धनवंतरी अस्पताल भेजा गया। वहां उनके दिल में स्टंट डाले गये। इलाज में करीब 1.4 लाख का खर्च आया, जिसे विभाग ने वहन किया।  हापुड़ निवासी वसीम अहमद का भी आयुष्मान कार्ड जीवन का सहारा बना। उनको भी दिल की बीमारी थी। सभी ने एक ही बात कही- “आयुष्मान कार्ड होने से जिंदगी बच गयी, वर्ना तो इलाज ही नहीं करा पाते।” आयुष्मान कार्ड है तो आस है। यह तीनों लाभार्थी तो उदाहरण मात्र हैं, योजना से अब तक 33538 लाभार्थियों को लाभ मिल चुका है।



मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अखिलेश मोहन का कहना है- आयुष्मान भारत योजना के जो भी लाभार्थी हैं सभी के पास आयुष्मान कार्ड होना जरूरी है। आयुष्मान कार्ड होने पर ही योजना के तहत उपचार की सुविधा मिलती है। इसलिए विभाग लगातार लाभार्थियों से अपील करता है कि सभी आयुष्मान कार्ड जरूर बनवा लें।
 आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डा. आर के सिरोहा ने बताया- योजना के तहत वर्ष 2020-21 में 68,680 आयुष्मान कार्ड, वर्ष 2021-22 में 44678 और वर्ष 2022-23  में 149706 कार्ड बनाए गये। अब तक विभाग की ओर से करीब चार लाख आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। जबकि अब तक 33538 लाभार्थियों को योजना का लाभ  दिया जा चुका है। जनपद में 12.55 लाख  लोग योजना के पात्र हैं। आयुष्मान भारत कार्ड बनाने का क्रम जारी है।   उन्होंने बताया आयुष्मान भारत योजना के तहत शहर में  जिला अस्पताल , जिला महिला अस्पताल , मेडिकल कॉलेज समेत,12 सामुदायिक केन्द्र समेत 82 प्राइवेट पंजीकृत अस्पताल को सूचीबद्ध किया गया है। योजना के तहत लाभार्थी परिवार को प्रतिवर्ष पांच लाख रुपये तक के उपचार की सुविधा मिलती है।   उन्होंने बताया- आयुष्मान योजना के कार्ड 2011 की जनगणना के अनुसार पात्र लाभार्थियों के ही बनाए जा रहे हैं। अगर कोई दूसरे माध्यम से योजना के कार्ड बनाने का प्रभोलन देता है, तो उसके झांसे में कदापि न आयें। अगर कोई ऐसा झांसा देता है तो तत्काल विभाग को सूचित करें।  
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“आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभार्थी परिवार को प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक का उपचार उपलब्ध कराया जाता है। योजना का लाभ सीधे लाभार्थियों तक पहुंच सके इसके लिए बकायदा विभाग की ओर से  मॉनिटरिंग की जाती है। सभी सूचीबद्ध निजी अस्पतालों को सख्त निर्देश  हैं कि अस्पताल में आने वाले लाभार्थियों को तत्काल उपचार उपलब्ध कराएं। ”
डा. अखिलेश मोहन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी 

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