एएमयू के कुलपति प्रो. तारिक मंसूर बने एमएलसी

 बीजेपी और आरएसएस से नजदीकी होने का मिला लाभ

अलीगढ़।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कुलपति प्रो. तारिक मंसूर के भाजपा से विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) बनने की अधिसूचना जारी कर दी गई। भाजपा में शामिल होने वाले वह एएमयू के पहले कुलपति हैं। उन्होंने मंगलवार को अपने पद से त्यागपत्र भी दे दिया।
एएमयू के 100 वर्ष के इतिहास में अभी तक किसी कुलपति ने भाजपा से राजनीति शुरू नहीं की है। उन्हें प्रदेश सरकार में महत्वपूर्ण मंत्रालय मिल सकता है। जारी अधिसूचना में भाजपा ब्रज प्रांत के पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष रजनीकांत माहेश्वरी का नाम भी शामिल है।
पार्टी ने कुलपति समेत छह लोगों का नाम राज्यपाल के पास भेजा गया था। प्रो. तारिक मंसूर 17 मई 2017 को एएमयू के कुलपति बने थे। 17 मई 2022 को उनका कार्यकाल समाप्त होने पर राष्ट्रपति (विजिटर) ने एक वर्ष का सेवा विस्तार दिया। कुलपति का कार्यकाल 17 मई 2023 को पूरा हो रहा है। उनसे पहले नया कुलपति कौन होगा, इस पर चर्चा चल रही है।
कुलपति के आरएसएस व भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से अच्छे संबंध रहे। कुलपति के बेटा की शादी में आरएसएस के कई दिग्गज पदाधिकारी शामिल हुए थे। पिछले दिनों दिल्ली में लाल किले में आरएसएस के कार्यक्रम में भी वे शामिल हुए थे। इसमें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी थे। माना जा रहा है कि इसी नजदीकी का उन्हें लाभ मिला है।

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