अडाणी समूह का मामला

ईडी मुख्यालय तक विपक्षी दलों ने निकाला मार्च
नयी दिल्ली (एजेंसी)।
कांग्रेस समेत 16 विपक्षी दलों के नेताओं ने अडाणी समूह से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष ज्ञापन देने के लिए बुधवार को संसद भवन से मार्च निकाला, हालांकि पुलिस ने उन्हें विजय चौक पर ही रोक लिया। ईडी मुख्यालय के लिए संसद भवन से निकलने के बाद ही पुलिस ने विजय चौक पर विपक्षी सांसदों को रोका। पुलिस ने विजय चौक के निकट अवरोधक लगा रखे थे।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम अडाणी समूह के घोटाले के मामले में ज्ञापन देने के लिए ईडी निदेशक से मिलने जा रहे थे, लेकिन सरकार ने हमें रोक लिया और विजय चौक तक भी जाने नहीं दिया।' उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मामले पर ईडी के समक्ष विस्तृत पक्ष रखना चाहता है और आगे जाने की कोशिश करेगा।
राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने आरोप लगाया कि यह तानाशाही सरकार है और यह विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल ने अडाणी समूह के खिलाफ तीन पृष्ठों का ज्ञापन तैयार किया है जिसमें ‘शेल' कंपनियों समेत कई आरोप लगाए गए हैं। विपक्षी दलों के मार्च से पहले, खरगे के संसद भवन परिसर स्थित कार्यालय में विपक्षी दलों के नेताओं ने अडाणी समूह से जुड़े मुद्दे पर अपनी संयुक्त रणनीति में समन्वय के लिए एक बैठक की। तृणमूल कांग्रेस विपक्षी दलों के इस मार्च का हिस्सा नहीं थी। उसके सांसदों ने घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) की कीमतों में वृद्धि को लेकर संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। विपक्षी दलों के सदस्यों की मांग है कि इस मुद्दे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाए।


विपक्षी नेताओं ने ईडी को लिखा पत्र
नई दिल्ली। बुधवार को कई विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने  जांच एजेंसी से शेल कंपनियों के जरिए से धन शोधन समेत अन्य भ्रष्ट गतिविधियों के आरोपों को लेकर अदाणी समूह के खिलाफ जांच शुरू करने की मांग की है। इस पत्र पर कांग्रेस, भाकपा, माकपा, जदयू, एसएस (यूबीटी), राजद, द्रमुक, झामुमो, आप, आईयूएमएल, वीसीके, केरल कांग्रेस और अन्य नेताओं के हस्ताक्षर हैं।

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