सांप्रदायिक सद्भाव को हेट स्पीच का त्याग जरूरीः सुप्रीमकोर्ट
नई दिल्ली (एजेंसी)।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि देश में सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए हेट स्पीच (द्वेषपूर्ण भाषण) का त्याग एक मूलभूत आवश्यकता है। हेट स्पीच के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की बेंच ने यह टिप्पणी की।
पीठ ने मौखिक रूप से कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए हेट स्पीच का परित्याग करना मूलभूत आवश्यकता है। शीर्ष अदालत ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से यह भी पूछा कि एफआईआर दर्ज करने के लिए क्या कार्रवाई की गई है क्योंकि केवल शिकायत दर्ज करने से हेट स्पीच की समस्या का समाधान नहीं होने वाला है।
मेहता ने अदालत को बताया कि नफरत फैलाने वाले भाषणों के संबंध में 18 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज की आपत्ति के बावजूद इस मामले में अगली सुनवाई के लिए बुधवार को सूचीबद्ध किया गया है।
यह मानते हुए कि संविधान भारत को एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में देखता है, शीर्ष अदालत ने पिछले साल 21 अक्तूबर को दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों को नफरत फैलाने वाले भाषणों के मामलों में कड़ी कार्रवाई करने और शिकायत दर्ज होने की प्रतीक्षा किए बिना दोषियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था। अदालत ने यह भी चेतावनी दी थी कि इस "अत्यंत गंभीर मुद्दे" पर कार्रवाई करने में प्रशासन की ओर से कोई भी देरी अदालत की अवमानना को आमंत्रित करेगी।
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