नवरात्र व्रत और सेहत

आस्था और विश्वास का प्रतीक नवरात्र शुरू हो चुका है। नवरात्रि के व्रत का अपना धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। इससे व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास तो होता ही है, साथ ही कई अन्य स्वास्थ्य संबंधी लाभ भी होते हैं। 9 दिनों तक व्रत रखने से वजन कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा व्रत करने से व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर भी अच्छा असर पड़ता है। व्रत की वजह से हाई कोलेस्ट्रॉल, दिल की बीमारियां, उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं से भी निजात मिलती है। व्रत के दौरान खान-पान पर विशेष ध्यान न दिया जाए, तो आप बीमार भी हो सकती हैं। जानें व्रत में सेहत का ध्यान कैसे रखें।
क्या पिएं
इन दिनों में स्वस्थ पेय पदार्थों का भी बहुत महत्व होता है जैसे पानी। पानी जीरो कैलोरी वाला सबसे अच्छा पेय है। व्रत वाले दिन 6 से 8 गिलास पानी जरूर पीजिए।
खाली पानी नहीं पी सकती हैं, तो नींबू पानी या लस्सी पिएं। दूध भी व्रत में पिया जाने वाला श्रेष्ठ पेय पदार्थ है। इसमें कैल्शियम होता है, जो आपमें सारा दिन ऊर्जा का स्तर बरकरार रखेगा।
व्रत में फलों के जूस से बढक़र कुछ नहीं। मौसमी फलों का जूस, संतरे का जूस, अंगूर का जूस, सेब का जूस आदि सब अच्छे हैं। संभव हो तो घर में ही निकाले हुए जूस पिएं।
नवरात्रि के व्रत में चाय पीने से भी एनर्जी बनी रहती है, लेकिन हर बार दूध चीनी वाली चाय की बजाय ग्रीन टी का सेवन करें। नारियल पानी का सेवन भी आप व्रत के दौरान कर सकती हैं।
क्या खाएं
खाने में फल या सूखे मेवे खाएं। ऐसे फलों का सेवन करें, जिसमें पानी अधिक मात्रा में हो। तरबूज, संतरे जैसे फलों में भरपूर पानी पाया जाता है और यह व्रत के दौरान आपको डिहाइड्रेशन से बचाता है। सूखे मेवों में काजू, बादाम, किशमिश, पिस्ता, अखरोट और बादाम गिरि खाएं। इन्हें हल्के तेल में भूनकर भी खा सकती हैं। ऊपर सेंधा नमक छिडक़ लें। तलने के लिए देशी तेल की बजाय मूंगफली या ऑलिव ऑयल इस्तेमाल करें। इसके अलावा आलू का चिप्स और पापड़ भी व्रत के दौरान खाया जा सकता है। साबूदाने, कुट्टू या सिंघाड़े के आटे का इस्तेमाल कर सकती हैं। दूध से बनी मिठाइयां घर पर ही तैयार करें और खाएं जैसे राबड़ी आदि।
व्रत रखने के फायदे
क्या आप जानती हैं कि व्रत रखने के बेहद फायदे हैं। सबसे पहले तो अध्यात्म से जुड़ा होने के कारण ये हमें आंतरिक ताकत देते हैं। व्रत से डाइजेशन प्रोसेस अच्छा होता है।
हार्ट की पंपिंग प्रोसेस भी सुधरती है। पाचन तंत्र से जुड़े अंगों को आराम मिलता है।
इससे जो ऊर्जा बचती है, इसका उपयोग शरीर की अंदरूनी मरम्मत में होता है। व्रत से रक्त और कोशिकाओं को शुद्ध करके कई शारीरिक बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है।
उपवास न केवल अवरोधों को हटाकर शरीर को स्वयं स्वस्थ होने में मदद करता है, बल्कि यह कायाकल्प करने के साथ उम्र भी बढ़ाता है। यह तनाव भी दूर भगाता है।
व्रत में सावधानी न रखें तो इससे नुकसान भी हैं। कई बार फलाहार के चक्कर में आप जरूरत से ज्यादा खा लेती हैं। इसे पचाने के लिए आपकी काफी ऊर्जा का उपयोग हो जाता है।
इस वजह से उपवास के समय अन्य कामों के लिए पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती। उपवास आपके गुर्दों को प्रभावित कर सकता है तथा यह गुर्दे की पथरी का कारण भी बन सकता है।
इस समस्या से बचने के लिए पर्याप्त पानी व तरल पदार्थ पिएं ताकि कैल्शियम तथा इस तरह के संबद्ध पोषक तत्त्व शरीर में जमा न हों। अगर आप पहली बार व्रत रख रहे हैं, तो लंबे समय तक भूखा न रहें।
शुगर, हाई ब्लड प्रेशर या खून की कमी से पीड़ित लोगों को व्रत से बचना चाहिए। व्रत में हमेशा घर की बनी चीजों को ही खाएं।

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