विद्याज्ञान लीडरशिप एकेडमी को किया गया चिल्ड्रन्स चैंपियन अवॉर्ड से सम्मानित

बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश के अंतर्गत आर्थिक रूप से वंचित और मेधावी छात्रों के लिए समर्पित रूरल लीडरशिप एकेडमी विद्याज्ञान को शिक्षा श्रेणी में प्रतिष्ठित चिल्ड्रन्स चैंपियन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। दिल्ली सरकार के बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा संस्थापित यह पुरस्कार बाल अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है, जो देश में हो रहे अच्छे कार्यों की खोज करने, पहचानने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए प्रयासरत है।
रोशनी नादर मल्होत्रा (ट्रस्टी, शिव नादर फाउंडेशन) ने कहा, "हम चिल्ड्रन्स चैंपियन अवॉर्ड प्राप्त करने को लेकर दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग के आभारी हैं। विद्याज्ञान के लिए, शिव नादर फाउंडेशन का दृष्टिकोण ग्रामीण भारत के वंचित और मेधावी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। वर्ष 2009 में अपनी स्थापना के बाद से, विद्याज्ञान की 100% निःशुल्क और उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से 2500 से अधिक वंचित छात्र लाभ ले चुके हैं। हमारे समस्त पूर्व छात्रों ने अग्रणी भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों से उच्च शिक्षा ग्रहण की है। उनमें से कई पूर्व छात्र वर्तमान समय में भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका में अग्रणी संगठनों के साथ कार्यरत हैं। इससे प्रेरणा लेकर हम मेधावी छात्रों को सशक्त बनाना और आगे बढ़ाना जारी रखेंगे।"
उन्होंने बताया, विद्याज्ञान को यह पुरस्कार उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से ग्रामीण भारत के वंचित छात्रों की पहचान, भविष्य के लीडर्स के रूप में करने और उनका पोषण करने के एवज में प्रदान किया गया है। विद्याज्ञान लीडरशिप एकेडमी, सामाजिक समानता के लिए भागीदारी शिक्षण और संरचनाओं के आधार पर सीखने को बढ़ावा देती है। विद्याज्ञान न सिर्फ बच्चों को वैश्विक तौर पर चल रहीं मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए सक्षम बनाता है, बल्कि संबंधित बदलाव लाने के लिए उन्हें प्रबल भी बनाता है। विद्याज्ञान छात्रों को समग्र शिक्षा प्रदान करने, विश्व स्तर की सुविधाओं तक पहुँच स्थापित करने और छात्रों के लिए मेंटॉर्स के रूप में कार्य करने वाले उत्कृष्ट शिक्षकों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाता है, इसके लिए डीसीपीसीआर द्वारा विद्याज्ञान की सराहना की गई है। अपनी पहल और प्रयासों के माध्यम से यह संस्थान माध्यमिक विद्यालय शिक्षा और युवाओं के विचारों में परिवर्तन लाने का कार्य कर रहा है।
उन्होंने बताया, यह पुरस्कार समारोह बच्चों के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों और संस्थानों को पहचानने के लिए एक बेहतर मंच के रूप में उभरा है। दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग युवा विचारों के विकास के लिए शिक्षण की सर्वोत्तम प्रथाओं को लागू करने वाले संस्थानों को मान्यता प्रदान करता है, जिससे कि भारत में समग्र शैक्षिक मानकों को प्रोत्साहन मिलता है। ये पुरस्कार 12 श्रेणियों प्रदान किए जाते हैं, जिनमें राजनीति, न्यायविद, पत्रकारिता, शिक्षा, स्वास्थ्य व पोषण, बाल संरक्षण, कला, शिक्षा, खेल, व्यवसाय और सार्वजनिक सेवा शामिल हैं।

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