तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बने शी जिनपिंग

 पहले से ज्‍यादा हुए ताकतवर, टूटी 40 साल पुरानी परंपरा
नई दिल्ली (एजेंसी)।
नेशनल पीपल्स कांग्रेस (एलपीसी) की 14वीं बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के तीसरे कार्यकाल पर मुहर लग गई है। अब उनकी ताकत और ज्यादा बढ़ गई है। शुक्रवार (10 मार्च) को उन्हें राष्ट्रपति के रूप में तीसरा कार्यकाल दिया गया।
शी जिंगपिंग को 10 मार्च को उनका तीसरा कार्यकाल दिया गया। 69 साल के शी तीसरे कार्यकाल के साथ ही आधुनिक चीन के सबसे लंबे वक्त तक राष्ट्र प्रमुख बन जाएंगे। बैठक में जिनपिंग ने चीनी सरकार और अर्थव्यवस्था पर पकड़ और मजबूत की है। जिनपिंग 2012 में सत्ता में आए थे। उनसे पहले राष्ट्रपति रहे सभी नेता पांच साल के दो कार्यकाल या 68 साल की उम्र होने पर रिटायर होते रहे हैं। 2018 में चीन ने राष्ट्रपति पद के लिए दो टर्म की बाध्यता खत्म कर दी। इसके बाद जिनपिंग अब चीन के सबसे शक्तिशाली नेता बन गए हैं।
टूटी 40 साल पुरानी परंपरा
जिनपिंग को तीसरी बार राष्ट्रपति चुनने के साथ ही चीन की कम्युनिस्ट पार्ट का चार दशक पुराना नियम टूट गया। साल 1982 से राष्ट्रपति पद का कार्यकाल 10 साल का होता था। शी को तीसरा कार्यकाल देने के साथ ही ये नियम टूट गया है। आपको बता दें कि पांच मार्च को चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की बैठक की शुरुआत हुई थी। हफ्तेभर चली इस बैठक में शी की कई नीतियों खासकर जीरो कोविड पॉलिसी को लेकर सवाल उठाए गए। हालांकि, शी इन सभी आरोपों से पार पाने में सफल हुए। जिनपिंग के तीसरी बार राष्ट्रपति बनने से उनकी ताकत और ज्यादा बढ़ जाएगी। माना जा रहा है कि इससे चीन में उनकी ताकत को और मजबूती मिलेगी।
सेना पर खर्च होंगे 18 लाख करोड़
बैठक में फैसला लिया गया है कि चीन अपनी रक्षा पर साल 2023 में 18 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगा। जो भारत के डिफेंस बजट से लगभग 3 गुना ज्यादा है। वहीं, 2023 के लिए चीन की इकोनॉमिक ग्रोथ के टारगेट को 5 प्रतिशत रखा है। हालांकि, चीन की अर्थव्यवस्था कोविड के बाद से धीमी गति से बढ़ रही है। साल 2022 में चीन की अर्थव्यवस्था की रफ्तार महज तीन फीसदी रह गई थी।

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