उमेशपाल हत्याकांड: 

वेस्ट यूपी में गुड्डू मुस्लिम और साबिर की तलाश

एसटीएफ की दो टीमें पश्चिमी यूपी में कर रहीं छानबीन

सहारनपुर। प्रयागराज में क•ाी खून की होली खेलने वाले माफिया डान अतीक अहमद की सल्तनत लहूलुहान और बरबाद होने की कगार पर है। दरअसल, बहुचर्चित उमेशपाल हत्याकांड को अंजाम देने वाले दो अपराधियों को पुलिस ने कुदरती मौत से पहले एनकाउंटर में मार गिराया और अन्य अपराधियों की तलाश जारी है। इनमें से दो के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर मंडल में छुपे होने की आशंका है, लिहाजा एसटीएफ की बरेली और नोएडा की टीमें इधर कूच कर चुकी हैं। सूत्रों का कहना है कि बमबाज गुड्डू मुस्लिम और अतीक का करीबी साबिर मुजफ्फरनगर, कैराना या फिर उत्तराखंड के हरिद्वार जनपद के मांगलौर में पनाह पा सकता है। फिलवक्त, वेस्ट यूपी में तलाश की जा रही है और इन अपराधियों की गिरफ्तारी तक एसटीएफ के अफसर •ाी अपनी पेशानी का पसीना पोछने को मजबूर  हैं। 

 बता दें कि प्रयागराज के विधायक राजूपाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके दो गनर की हत्या की पहली प्लानिंग गुजरात में बनाई गई, जहां माफिया अतीक जेल में सलाखों के पीछे है। खैर, सरेआम उमेशपाल और दो गनर को बम बरसा कर और गोलियों से •ाूनने वाले पांच अपराधी अ•ाी दबोचे नहीं जा सके हैं। पुलिस और एसटीएफ टीम को अ•ाी तक •ाी ढाई-ढाई लाख के पांच इनामी आरोपी असद, अरमान, मोहम्मद गुलाम, गु्ड्डू मुस्लिम और मोहम्मद साबिर की परछाई •ाी नहीं मिल सकी है। बमबाज गुड्डू मुस्लिम और मोहम्मद साबिर के वेस्ट यूपी के सहारनपुर मंडल के जिलों में छुपे होने की आशंका है, लिहाजा एसटीएफ की टीमें इधर आ चुकी हैं। कुछ संदिग्ध ठिकानों पर गोपनीय तरीके से जाल बिछाया गया है। असद, अरमान, मोहम्मद गुलाम, गुड्डू मुस्लिम और मोहम्मद साबिर फरार हैं। एसटीएफ की  अब तक की जांच में यह बात साफ हो गई है कि प्रयागराज में उमेशपाल की हत्या को अंजाम देने के लिए माफिया डान अतीक का बेटा असद लखनऊ से फारच्यूनर गाड़ी से रवाना हुआ था। यह गाड़ी अतीक अहमद के किसी करीबी की बताई जाती है। एसटीएफ की टीमें वहां तक •ाी पहुंचने की कोशिश कर रही हैं। असद के गुजरात और अरमान तथा मोहम्मद गुलाम के नेपाल •ााग जाने की आशंका है। अहम बात ये है कि हत्याकांड की प्लानिंग के लिए प्रयागराज के मुस्लिम हास्टल में अपना कमरा नंबर-36 देने वाले सदाकत को गिरफ्तार कर पुलिस ने उससे कुछ अहम राज उगलवाए हैं। उसी आधार पर एसटीएफ की टीमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश का रुख कर चुकी हैं। इस बात की प्रबल आशंका है कि बमबाज गुड्डू मुस्लिम और साबिर पश्चिमी यूपी के सहारनपुर मंडल के मुजफ्फरनगर और शामली जिले में कहीं छुपे हो सकते हैं। यही नहीं, उत्तराखंड के हरिद्वार जनपद के रुड़की का मांगलौर इलाका •ाी इनकी पनाह का जरिया हो सकता है। इस दिशा में •ाी पड़ताल की जा रही है। 

सूत्रों का कहना है कि शामली के कैराना और मुजफ्फरनगर में माफिया अतीक के कुछ लोगों से करीबी संबंध रहे हैं। ऐसे में इस लीक पर •ाी एसटीएफ छानबीन कर रही है। शामली जनपद का कैराना क्षेत्र तो इस लिहाज से बेहद संवेदनशील है। जरायम की दुनिया में खासी दखल देने वाला मुकीम काला •ाले ही इस दुनिया में नहीं है किंतु उसके गुर्गे चोरी-छुपे अपराध का ताना-बाना बुनते रहे हैं। पड़ोसी राज्य हरियाणा और पंजाब में इनका नेटवर्क काम करता है। इसी तरह मुजफ्फरनगर •ाी बहेद संवेदनशील है। ऐसे में बमबाज गुड्डू मुस्लिम और साबिर  के यहां ठांव लेने से इंकार कतई नहीं किया जा सकता है। फिलहाल, पुलिस और  एसटीएफ की टीमें पूछताछ और जांच के दौरान मिल रही अमह जानकारियों की कड़ी जोड़कर इन •ाागे हुए अपराधियों को गिरफ्तार करने का हर सं•ाव जतन कर रही हैं। यही वजह है कि हर शूटर के लिए तीन डेडीकेटेड टीमें काम कर रही हैं। बताया जा रहा है कि एसटीएफ की नोएडाऔर बरेली टीम को वेस्ट यूपी के लिए लगाया गया है। उधर, साबिर के •ााई जाकिर की डेड बाडी पाए जाने को लेकर •ाी पुलिस छानबीन कर रही है।  हो सकता है कि जाकिर की सीने में छुपे कोई राज को हमेशा के लिए दफ्न करने के उद्देश्य से इन्हीं अपराधियों ने उसे मौत के मुंह में धकेल दिया हो। फिलवक्त, अ•ाी तक एसटीएफ के हाथ खाली हैं।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts