जिला संयुक्त चिकित्सालय में शुरू हुआ डीआरटीबी सेंटर

जिलाधिकारी ने फीता काटकर किया शुभारंभ

अब जिले में ही मिलेगा एमडीआर टीबी रोगियों को इलाज

शामली, 11 जनवरी 2023।

जिला संयुक्त चिकित्सालय  में टीबी के सामान्य रोगियों के साथ-साथ एमडीआर रोगियों को भी उपचार मिल सकेगा। इसके लिए यहां डीआरटीबी सेंटर की शुरुआत की गई। इसका शुभारंभ जिलाधिकारी जसजीत कौर ने फीता काटकर किया। अभी तक एमडीआर रोगियों को इलाज के लिए सहारनपुर जाना पड़ता था, लेकिन अब एमडीआर रोगियों को भी जिले में ही उपचार मिल सकेगा।

जिला अधिकारी जसजीत कौर ने बताया - डीआरटीबी सेंटर खुलने से एमडीआर (मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट) रोगियों को बड़ी राहत मिलेगी, जिले में ही बेहतर उपचार मिल सकेगा। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि मरीजों को बेहतर उपचार मिलना चाहिए इसमें कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं होगी। इस दौरान जिलाधिकारी ने डीआरटीबी सेंटर के पुरुष वार्ड और महिला वार्ड का भी निरीक्षण किया गया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय अग्रवाल ने बताया - सामान्य रूप से टीबी के बीच एमडीआर  वह रोगी हैं जो टीबी की सामान्य दवा खाने से ठीक नहीं होते हैं। या यूं कहें उन पर टीबी की सामान्य दवा काम नहीं करती है। ऐसे मरीजों की सीबीनेट मशीन से जांच की जाएगी और उसके बाद डीआरटीबी केंद्र में भर्ती किया जाएगा। भर्ती मरीज को कम से कम 48 घंटे केंद्र में रुकना पड़ेगा। उसके बाद उसे दवा देकर घर भेजा जाएगा। घर पर प्रतिदिन छह माह तक मरीज को केनामाइसीन का इंजेक्शन लगेगा। रोगी की चौबीस माह दवा चलती है। हालांकि दवा इलाज सबकुछ सरकार उपलब्ध कराती है, लेकिन मरीज आराम मिलने पर दवाओं को बीच में ही लापरवाही कर खाना बंद कर देते हैं। यह ठीक नहीं है। पूरा इलाज करवाना जरूरी है।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अनिल कुमार ने बताया  डीआरटीबी सेंटर में दो वार्ड बनाए गए हैं। एक पुरुष वार्ड और एक महिला वार्ड है, दोनों में दो-दो बैड की सुविधा दी गई है। आवश्यकता पड़ने पर यहां मरीजों को भर्ती किया जाएगा। ओपीडी के आधार पर यहां मरीजों की जांच होगी। उन्होंने बताया - पहले डीआरटीबी सेंटर की सुविधा नहीं थी जिससे मरीजों को तो परेशानी होती ही थी, अन्य लोगों में भी बीमारी फैलने की प्रबल संभावना रहती थी। इस कारण एमडीआर रोगी अगर खांस दे या छींक दें तो तकरीबन तीन मीटर की परिधि में सामान्य व्यक्ति को संक्रमित होने का खतरा रहता है। अब इसको काफी हद तक काबू किया सकेगा।

इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय अग्रवाल, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ अंजू जोधा, एसीएमओ डॉ विनोद कुमार, डॉ. नरेश सैनी, डॉ अशोक कुमार, डॉ नीरज तोमर, डॉ विजय सिंह, चीफ फार्मासिस्ट ताहिर बेग, फार्मासिस्ट सुनील रोहिल्ला, क्षय रोग विभाग से राहुल त्यागी, विजय कुमार, विपिन कुमार, और काउंसलर शिवम, लैब टेक्नीशियन विशाल कुमार आदि उपस्थित रहे।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts