आत्मनिर्भर-स्वावलंबी भारत का स्वप्न साकार करेगी सहकार भारती


*हस्तिनापुर में चल रही सहकार भारती की प्रदेश कार्यसमिति के समापन सत्र में राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. उदय जोशी ने किया मार्गदर्शन*

*उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए 300 प्रतिनिधिओं ने की बैठक में सहभागिता, भविष्य के लिए कार्ययोजना पर हुई चर्चा*


मेरठ। सहकारिता क्षेत्र का महत्व भविष्य में निरंतर और बढ़ने ही वाला है। किसानों की आय दोगुनी करने का स्वप्न सहकारिता के माध्यम से ही साकार होने वाला है। केंद्र सरकार इस दिशा में भरसक प्रयास कर रही है। केंद्र और राज्य सरकार के स्तर पर पैक्स और सहकारी समितियों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। बड़ी संख्या में किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बन रहे हैं, इससे किसान और बागवान स्वावलम्बी बनने की ओर अग्रसर हैं। गांव-गांव स्वयं सहायता समूहों की स्थापना होने से महिलाओं में आत्मनिर्भरता आ रही है। उक्त वक्तव्य सहकार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. उदय जोशी ने व्यक्त किए। वह रविवार हस्तिनापुर के मोती धनष अयोध्यापुरी मंडप में चल रही सहकार भारती की प्रदेश कार्यसमिति में समापन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे।

राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. उदय जोशी ने आगे कहा कि सहकार भारती के कार्यकर्ताओं में आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन का भाव सशक्त हो, इसलिए हमें हरसंभव प्रयास करने की आवश्यकता है। सहकारिता क्षेत्र समाज की सेवा का शाश्वत संकल्प है, इस संकल्प को सहकार भारती पूरा करेगी, ऐसा मेरा विश्वास है। अंत्योदय और एकात्म मानववाद का स्वप्न भी सहकारिता के माध्यम से ही साकार होगा। सहकारिता के माध्यम से स्वदेशी, आत्मनिर्भरता और व्यक्ति स्वावलंबन का लक्ष्य भी पूरा होगा। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए किसानों को भी सहकार भारती से जोड़ने के लिए अभियान चलाना होगा। उन्होंने कार्यसमिति के समापन पर भविष्य की दिशा तय करने का लक्ष्य दिया। आने वाले समय सहकारिता और सहकार भारती का है। देश भर में अलग-अलग सहकारी संस्थाएं बहुत अच्छा काम कर रही हैं, इनको एक सूत्र में, एक विचार में और एक ध्येय में पिरोने का काम सिर्फ सहकार भारती ही कर सकती है।



डॉ. उदय जोशी ने कहा कि सहकार भारती के सामने कहीं कोई प्रतियोगिता अथवा चुनौती नहीं है। क्षमता निर्माण के साथ-साथ सहयोग का भाव अंतस में धारण करना हमारा दायित्व भी होना चाहिए। सच्चे मन से जो सहकारिता से जुड़ेगा, उसका कल्याण तो सुनिश्चित होना ही है। सहकार भारती से जुड़ने के बाद स्वयं की चिंता खत्म हो जाती है। सहकार भारती में आत्मा से जुड़िए परमानंद की प्राप्ति सुनिश्चित है। संगठन रहेगा तभी हम सुरक्षित हैं। सहकार भारती का लक्ष्य ही हम सबका लक्ष्य है। सहकार का भाव तभी साकार हो सकता है, जब उसमें शुद्धता हो। सहकार, न सरकार का स्वरूप है, न साहूकार का स्वरूप है, न चाटुकार का स्वरूप है, यह विशुद्ध रूप से सच्चिदानंद का स्वरूप है।

राष्ट्रीय महामंत्री ने कहा कि साहूकारों से मुक्ति दिलाने के लिए सहकारिता का जन्म हुआ। 1952 में एक कमीशन की रिपोर्ट के सुझाव पर पंचवर्षीय योजनाओं में सहकारिता को शामिल किया गया। कांग्रेस शासन में सहकारिता आंदोलन का राजनीति के लिए उपयोग किया गया, इससे इसमें गिरावट आई। इसके बाद लक्ष्मण राव इनामदार ने सहकारिता की दिशा, दशा, शुद्धि, वृद्धि के लिए सहकार भारती जैसे संगठन की नींव डाली। उन्होंने सहकार भारती का संविधान लिखा। सहकार भारती के संविधान ने सहकारिता क्षेत्र के लिए एक डिक्लरेशन (मसविदा) तैयार कर दिया। सहकार भारती के उस डिक्लरेशन ने देश के सामने सहकारिता की दिशा स्पष्ट कर दी। लक्ष्मणराव इनामदार ने सुझाव दिया कि सहकारिता को मूल्यों एवं सिद्धातों के अनुसार से संचालित किया जाए।

*कुल आठ प्रस्तावों को मिली स्वीकृति*
प्रदेश महामंत्री डॉ. प्रवीण सिंह जादौन ने प्रस्ताव प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि कुल आठ प्रस्ताव पास किए गए हैं। उन्होंने बताया कि कोऑपरेटिव एक्ट की धारा 31 में संशोधन हुए संशोधन 31ए को खत्म किया जाए। इससे सहकारी संस्थाओं के चुने हुए संचालक मंडल के अधिकार पुनः बहाल हो सकें। पैक्स की 40% समितियों में सचिवों की कमी है। अतः सचिवों की नियुक्ति करते हुए उनका वेतन सरकार वहन करे। सहकारी समितियों को बहुउद्देशीय कार्य करने हेतु अधिकृत किया जाए। सहकारी समितियां/केन्द्रीय सहकारी समितियों/अपेक्स संस्थाओं का निष्पक्ष चुनाव हों। सहकारिता के मूल सिद्धांतों अनुरूप सहकारी समितियों में खुली सदस्यता लागू किया जाय। बन्द सहकारी चीनी मिलों को चालू किया जाए। उत्तर प्रदेश गन्ना सहकारी समितियों का चुनाव यथाशीघ्र कराया जाए। आदर्श उपविधियों को लागू किया जाए। उन्होंने बताया कि 11 से 18 जनवरी तक स्थापना सप्ताह सभी जिलों में मनाया जायेगा। सभी जिला स्तर पर अभ्यास वर्ग आयोजित होंगे।

इससे पूर्व इस दो दिवसीय कार्यसमिति बैठक में सहकार भारती उत्तर प्रदेश की आगामी कार्ययोजना, कार्यक्रम, सहकारिता के चुनाव, नई समितियों का पंजीकरण इत्यादि विषयों पर विभिन्न सत्रों के माध्यम से चर्चा हुई। राष्ट्रीय मंत्री दीपक चौरसिया उपस्थिति में प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र उपाध्याय ने सहकार भारती के कुछ नए दायित्वों की घोषणा की और सभी पदाधिकारियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर प्रदेश संगठन प्रमुख डॉ. अरुण सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष हीरेन्द्र मिश्रा एवं अरुण सिंह, प्रदेश मंत्री कृष्ण कुमार ओझा, प्रदेश संपर्क प्रमुख अशोक शुक्ला, गन्ना प्रकोष्ठ प्रमुख कर्मवीर, प्रदेश महिला प्रमुख शारदा सिंह, प्रदेश कोषाध्यक्ष शिवेंद्र प्रताप सिंह, प्रदेश मीडिया प्रभारी विवेक राय, सोशल मीडिया प्रभारी डॉ. अतुलमोहन सिंह सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।

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