जोशीमठ में दहशत, रेस्क्यू आपरेशन जारी

 लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा जा रहा

जोशीमठ। उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने का सिलसिला लगातार जारी है। यहां अब तक 600 से अधिक घरों में दरारें पड़ चुकी हैं। आलम यह है कि इनमें से कई घर कभी भी गिर सकते हैं। जोशीमठ पर इस मंडराते खतरे को देखते हुए सरकार ने लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर भेजना शुरू कर दिया है। लोगों को एयरलिफ्ट करने के लिए हेलीकॉप्टर उपलब्ध करवाया गया है।
उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ में और उसके आसपास के इलाकों में जमीन धंसने के कारण एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट समेत अन्य निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है। पावर प्रोजेक्ट के टनल के अंदर का कार्य भी पूरी तरह से रोक दिया गया है। लोगों का आरोप है कि जोशीमठ में यह हालात एनटीपीसी के हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की वजह से पैदा हुआ है। लोगों के घर गिरने की कागार पर हैं। ऐसे में अब उनके पास सिर्फ दो ही विकल्प हैं, या तो अपना घर छोड़ दें या फिर जान जोखिम में डाल इस इलाके में रहें।

सीएम धामी पहुंचे जोशीमठ
देहरादून।
मुख्यमंत्री आज शनिवार को जोशीमठ ग्राउंड जीरो हालात का जायजा लेने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने यहां प्रभावितों से बातचीत की। कहा कि प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना उनकी पहली प्रथामिकता है। मुख्यमंत्री ने इससे पहले जोशीमठ के संबंध में अधिकारियों से रिपोर्ट ली। शुक्रवार को उन्होंने जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव मामले में  उच्चस्तरीय बैठक बुलाई।

सीएम धामी ने जोशीमठ भू-धंसाव के कारण अति संवेदनशील (डेंजर जोन) वाले क्षेत्रों में बने भवनों को तत्काल खाली कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रभावितों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके साथ खड़ी है और चरणबद्ध ढंग से संवेदनशील जगहों से सबको शिफ्ट किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सुरक्षित स्थान पर एक बड़ा अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाने के निर्देश दिए।

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