आटे की बढ़ती कीमत रोकने के लिए बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं बेचेगी सरकार

नई दिल्ली। केंद्र सरकार गेहूं और इसके आटे की बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए अपने बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं और गेहूं का आटा खुले बाजार में बेचेगी। सूत्रों ने बुधवार को बताया कि खाद्य मंत्रालय मुक्त बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत 30 लाख टन गेहूं की खुले बाजार में बिक्री करेगा। मंत्रालय लोगों के अलावा आटा मिलों और व्यापारियों को भी गेहूं बेचेगा। दरअसल, बाजार में आटे की औसत मूल्य बढ़कर करीब 38 रुपये प्रति किलो ग्राम हो गई है। खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने 19 जनवरी को कहा था कि गेहूं और आटे की खुदरा कीमतें बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही बढ़ती दरों को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाएगी। खाद्य सचिव ने कहा था कि एफसीआई के गोदामों में गेहूं और चावल का पर्याप्त स्टॉक है। भारत का गेहूं उत्पादन फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में पिछले वर्ष के 10 करोड़ 95.9 लाख टन से घटकर 10 करोड़ 68.4 लाख टन रह गया था। 



पिछले साल के करीब 4.3 करोड़ टन की खरीद के मुकाबले इस साल खरीद 1.9 करोड़ टन रह गई। हालांकि, चालू रबी (सर्दियों में बोई जाने वाली) सीजन में गेहूं की फसल का रकबा थोड़ा ज्यादा है। नई गेहूं फसल की खरीद अप्रैल, 2023 से शुरू होगी। उल्लेखनीय है कि केंद्र ने घरेलू उत्पादन में मामूली गिरावट और केंद्रीय पूल के लिए एफसीआई की खरीद में तेज गिरावट के बाद कीमतों को नियंत्रित करने के लिए मई में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। ओएमएसएस नीति के तहत सरकार समय-समय पर थोक उपभोक्ताओं और निजी व्यापारियों को खुले बाजार में पूर्व-निर्धारित कीमतों पर खाद्यान्न, विशेष रूप से गेहूं और चावल बेचने के लिए सरकारी उपक्रम भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को अनुमति देती है।

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