जलेबी बाबा को हुई 14 साल की कैद, कोर्ट ने कहा- ऐसे बाबाओं से बचना महिलाओं की भी जिम्मेदारी

फतेहाबाद। टोहाना के बहुचर्चित दुष्कर्म एवं अश्लील वीडियो कांड में फतेहाबाद फास्टट्रैक कोर्ट ने जलेबी बाबा उर्फ अमरपुरी को नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में 14 साल, दुष्कर्म के अन्य मामलों में सात-सात साल तो आइटी एक्ट के तहत पांच साल कैद की सजा सुनाई है। ये सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। जुलाई 2018 से न्यायिक हिरासत के चलते जेल में बिताए गए साढ़े चार साल भी इसी सजा में शामिल होंगे।

जलेबी बाबा को आर्म्स एक्ट में बरी किया गया है। इसके साथ कोर्ट ने जलेबी बाबा को 35 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। पीड़ित पक्ष के वकील विजय कृष्ण रंगा ने बताया कि सजा सुनाए जाने के दौरान फास्टट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश बलवंत सिंह ने टिप्पणी करते हुए कहा कि बाबा ने साधु का रूप धरकर विश्वास तो तोड़ा ही है, लेकिन ऐसे बाबाओं से बचना महिलाओं की भी जिम्मेदारी है।

इस मामले में पीड़ित पक्ष की ओर से पैरवी करने वाले सरकारी वकील ओपी बिश्रोई, एडवोकेट विजय कृष्ण रंगा एवं संजय वर्मा ने दोषी जलेबी बाबा को फांसी देने की मांग रखी। इस पर न्यायाधीश बलवंत सिंह ने उन्हें हाईकोर्ट जाने को कहा। इतना ही नहीं, पीड़ित पक्ष के वकील कोर्ट को उम्रकैद के लिए भी नहीं कन्विंस नहीं कर सके।

कोर्ट ने दोषी जलेबी बाबा पर लगाई गई अलग-अलग धाराओं के तहत अलग-अलग सजा का ऐलान किया। पीड़ित नाबालिग की उम्र को लेकर संशय के बाद फास्टट्रैक कोर्ट ने दोषी जलेबी बाबा को 14 साल की सजा सुनाई क्योंकि सुनवाई के दौरान ये साबित हुआ था कि दोषी बाबा ने नाबालिग पीड़िता से दो बार दुष्कर्म किया। इसके अलावा कोर्ट ने आईटी एक्ट में उसे महिलाओं के अश्लील वीडियो वायरल करने का भी दोषी मानते हुए उसे पांच साल की सजा भी सुनाई। दोषी करार दिए जाने के बाद जलेबी बाबा ने खुद को बीपी-शुगर व आंखों की बीमारी का वास्ता देकर सजा में रहम की अपील भी कोर्ट से की थी।

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