सुभारती विश्वविद्यालय में हर्षोल्लास से मनाया गया स्वराज दिवस  

सत्यनिष्ठा, कर्तव्यपरायणता एवं बलिदान के भाव से देशहित में कार्य करें - कुलपति, मेजर जनरल डा. जी.के थपलियाल


मेरठ।
 स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय में अखण्ड भारत की पावन धरती पोर्ट ब्लेयर, अंडमान में नेताजी सुभाष चन्द्रबोस के द्वारा भारतीय ध्वज फहराए जाने के ऐतिहासिक दिन को सुभारती विश्वविद्यालय में स्वराज दिवस के रूप में हर्षोल्लास से मनाया गया।
 
कार्यक्रम का भव्य आयोजन पत्रकारिता विभाग एवं होटल मैनेजमेंट कॉलेज द्वारा संयुक्त रूप से सरदार पटेल सुभारती लॉ कॉलेज के प्रांगण में किया गया।


70 यूपी एनसीसी बटालियन द्वारा समारोह के मुख्य अतिथि सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डा. जी.के थपलियाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। कुलपति डा. जी.के थपलियाल ने आज़ाद हिन्द का ध्वजारोहण किया। इस दौरान सामूहिक आज़ाद हिन्द गान हुआ।  

सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक डा. अतुल कृष्ण ने इस अवसर पर देशवासियों के नाम विशेष संदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि आज के युवा 30 दिसम्बर के दिवस के सम्बन्ध में कुछ नहीं जानते। यह उनका दोष नहीं है। ये उन्हें कभी बताया ही नहीं गया और न ही कभी उन्होंने किसी पाठ्य पुस्तक में पढ़ा, न घर में चर्चा हुई और न ही किसी नेता ने अपने उद्बोधन में कहा। ये हमारे माता-पिता-शिक्षकों-नेताओं का भी दोष नहीं है क्योंकि कमोबेश वे भी इसी परिस्थिति से निकले। हमें तो सदैव ही यह बताया गया कि भारत को स्वतंत्रता अहिंसात्मक आंदोलन के फलस्वरूप प्राप्त हुई परन्तु सच्चाई इससे विपरीत है। भारत को स्वतंत्रता दिलाने में अहिंसात्मक आंदोलन के योगदान को मैं नहीं नकारता परंतु मुख्य योगदान हमारे असंख्य वीरों द्वारा दी गई कुर्बानियों का था जिनमें सबसे विशेष भूमिका नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की रही। जिन्होंने अखण्ड भारत की धरती पर प्रथम बार ध्वजारोहण कर अपने साहस का पराक्रम दिखाया। इसी क्रम में सुभारती विश्वविद्यालय इतिहास की सच्चाई को उजागर करके नेताजी सुभाषचन्द्र बोस सहित असंख्य महापुरुषों के बलिदान को अपने विद्यार्थियों सहित देश की जनता के सामने रख रहा है ताकि अपने वीरों से प्रेरणा लेकर लोग देशहित में अपना योगदान दे सकें।

कुलपति मेजर जनरल डा. जी.के. थपलियाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज का दिन गौरवशाली इतिहास को स्मरण करने का दिन है। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन नेताजी सुभाष चन्द्रबोस द्वारा अखण्ड भारत की धरती पोर्ट ब्लेयर (अण्डमान-निकोबार) में अपने साथियों के साथ आज़ाद हिन्द का ध्वजारोहण कर भारत को आज़ाद घोषित किया था। साथ ही अण्डमान द्वीप का नाम ‘‘शहीद द्वीप‘‘ एवं निकोबार का नाम ‘‘स्वराज्य द्वीप‘‘ रखा गया था। उन्होंने कहा कि भारत को आज़ाद कराने में जिन महापुरूषों ने अपनी जान की कुर्बानियां दी है, हम सभी को चाहिए कि उनसे प्रेरणा लेकर देश को सशक्त बनाने का काम करें। उन्होंने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय ने 30 दिसम्बर के इतिहास को प्रमुखता से उजागर करके नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के बलिदान से सभी को प्रेरणा दे रहा है। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि सत्यनिष्ठा, कर्तव्यपरायणता एवं बलिदान के भाव से देशहित में कार्य करना चाहिए।

सुभारती विश्वविद्यालय की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.शल्या राज ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा नेताजी सुभाष चन्द्रबोस ने अंग्रेज सैनिकों से लोहा लेते हुए भारत की पावन धरती पर प्रथम बार अपना ध्वज फहराकर अखण्ड भारत की घोषणा की थी। इस दिन को इतिहास में सही जगह नहीं मिलने पर देश के लिये अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को भूला दिया गया। उन्होंने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय नेताजी सुभाष चन्द्रबोस के सपनों को साकार करने हेतु 30 दिसंबर को उल्लास के साथ मनाकर अपने शहीदों को याद कर उनके बताए रास्ते पर चलाने का सभी को संदेश दे रहा है।

मुख्य वक्ता, नेताजी सुभाषचन्द्र बोस शोध पीठ के अध्यक्ष डा.देशराज सिंह ने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय देश भक्ति की पाठशाला है और यहां के कण कण में मॉ भारती के प्रति आदर व देश प्रेम समाया हुआ है। उन्होंने कहा कि असंख्य महापुरुषों ने अपने रक्त से देश को सींच कर हमें आजादी दिलाई है। हमारा कर्तव्य है कि शहीदों को नमन करते हुए राष्ट्र हित में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि आज का दिन इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण दिन है, और जिस तरह सुभारती विश्वविद्यालय ने नेताजी के सपनों को साकार करने का काम किया है, वह पूरे देश के लिये प्रेरणादायी है। उन्होंने 30 दिसम्बर के इतिहास से सभी को रूबरू कराया।

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस शोधपीठ के समन्वयक प्रो. अशोक त्यागी ने 30 दिसम्बर के इहितास पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि देश को आजादी अनेकों महापुरुषों के बलिदान और उनके रक्त से प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्रबोस का लक्ष्य हमेशा देश को अखण्ड बनाना था।

पत्रकारिता एवं जनसंचार विभागाध्यक्ष प्रो. डा. एस.सी. थलेडी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

कार्यक्रम में विषय परिवर्तन बीजेएमसी की छात्रा आस्था श्रीवास्तव ने दिया। होटल मैनेजमेंट कॉलेज से काशिफ खान, कैरन जेहरा, अंशु कुमार, जूही, डेन्टल कॉलेज से माही चौहान, परिधि अग्रवाल, रिया ने देशभक्ति से परिपूर्ण प्रस्तुतियां देकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। ललित कला संकाय के विद्यार्थियों द्वारा वंदे मातरम गायन से कार्यक्रम का समापन हुआ।
 
मंच का संचालन नर्सिंग कॉलेज के विद्यार्थी मान्या त्यागी एवं केशव वर्मा ने किया।

इस अवसर पर प्रतिकुलपति डा.अभय शंकरगौडा, कुलसचिव डीके सक्सैना, अतिरिक्त कुलसचिव सैयद ज़फ़र हुसैन, होटल मैनेजमेंट कॉलेज के प्राचार्य डा.शिवमोहन वर्मा,  डा. वैभव गोयल भारतीय, कर्नल राजेश त्यागी, डा. पिंटू मिश्रा, डा. गीता प्रवन्दा, डा. जासमीन, डा. महावीर सिंह, डा. अनोज राज, डा. सोकिन्द्र कुमार, डा. अतुल प्रताप, डा. गुंजन शर्मा, राम प्रकाश तिवारी, मधुर शर्मा, डा. इन्द्रनील बोस, डा.धनंजय श्रीवास्तव, सौरभ त्रिपाठी, यजुवेंद्र सिंह, शोभित सिंह, नीरज अग्रवाल, गरिमा जैन, विकास शर्मा, प्रीति सिंह, प्रशासनिक अधिकारी हर्षवर्धन कौशिक, नरेश कुमार, प्रिंस चौहान आदि सहित आयोजन समिति के सभी सदस्य उपस्थिति रहें।

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