राजनाथ ने निरक्षरता को बताया बेरोजगारी का कारण

 बोले- विद्या के साथ बुद्धिमत्ता भी जरूरी
उडुपी (एजेंसी)।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक कार्यक्रम में शामिल होते हुए निरक्षरता को गरीबी और बेरोजगारी का मुख्य कारण बताया। उन्होंने उडुपी में मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन के दीक्षांत समारोह में बोलते हुए थ्योरेटिकल और प्रैक्टिकल शिक्षा के महत्व पर जोर दिया।
अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने कहा कि, जब वो शिक्षा की बात करते हैं तो उनका मतलब थ्योरेटिकल और प्रैक्टिकल दोनों से होता है। हमें सिर्फ ज्ञानी ही नहीं बनना है बुद्धिमत्ता होनी भी जरूरी है। श्री सिंह ने कहा कि, एक वक्त वो भी था जब भारत वैज्ञानिकी में विश्व के सर्वश्रेष्ठ देशों में पहले स्थान पर था। पूरे विश्व को शून्य की कांसेप्ट भारत ने दिया। देश के वैज्ञानिकों ने पूरे विश्व को अपने ज्ञान का लोहा मनवाया है।
देश में स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को मिला बढ़ावा
देश में स्टार्ट-अप इकोसिस्टम के बारे में बात करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि, पहले भारत स्टार्ट-अप को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता था, लेकिन पिछले 7 से 8 सालों में स्टार्ट-अप को लेकर तस्वीर बड़े पैमाने पर बदली है। साल 2014 से पहले देश में स्टार्टअप की संख्या महज कुछ सैकड़ा था। लेकिन आज यह संख्या 70 हजार को पार कर गई है। ये सफलता की कहानियां आप जैसे युवाओं ने ही लिखी हैं।

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