.कहीं थायराइड तो नहीं ?

क्या आपका वजन लगातार बढ़ रहा है या कम हो रहा है? कहीं आप थायराइड की चपेट में तो नहीं हैं? असल में थायराइड की बीमारी आजकल एक महामारी की तरह बढ़ चुकी है। हर घर में किसी न किसी को थायराइड की समस्या है। यह बीमारी ज्यादातर महिलाओं में देखने को मिलती है। हम कई बार बीमारियों को हल्के में लेते हैं और धीरे-धीरे यह बढ़कर कई तरह की गंभीर समस्याओं का रूप धारण कर लेती हैं। थायराइड की वजह से शरीर के हार्मोन्स भी अनियमित हो जाते हैं।
क्या है थायराइड?
 थायराइड एक तितलीनुमा ग्रंथि होती है, जो गले में स्थित होती है। थायराइड हमारे शरीर को संभालने का काम करता है। यह एक ऐसी ग्रंथि है जो मेटाबोलिज्म में मदद करती है। यानी हम जो भोजन ग्रहण करते हैं वह ठीक से पच जाय व स्किन, किडनी और हार्ट ठीक से काम करें। इन सबको नियंत्रित करने का काम थायराइड करता है। इसका नियंत्रण हमारे दिमाग से होता है। हमारे दिमाग के अंदर हाईपोथैलिमस है। वह टीएसएच को रिलीज करने के लिए पीयूष ग्रंथि को सिग्नल देते हैं। ताकि थायराइड ग्रंथि टी3, टी4 को रिलीज करने में मदद करे। इसे रिलीज करने में जिसकी ज़रूरत होती है वह आयोडीन और पायरोसिन यानी प्रोटीन और टी4 को टी3 में बदलने के लिए हमें सेलेनियम चाहिए। अगर इन तीन चीजों की कमी होती है तो थायराइड के काम करने में रुकावट आती है। ऐसे में ये ग्रंथियां जरूरत से ज्यादा हार्मोन रिलीज करती हैं जिससे थायराइड की समस्या होने लगती है।
दो तरह का होता है थायराइड
हाइपो थायराइड :
इसमें सामान्य भोजन लेने के बाद भी वजन बढ़ता जायेगा, त्वचा में रूखापन, बाल झड़ना, शरीर फूलना, हर समय सुस्ती रहने और भूलने की समस्या आने लगती है। नसों का कमजोर होना और इन्फर्टेलिटी के लक्षण देखने को मिलते हैं।
हाइपर थायराइड :
इसमें वजन कम होने लगता है, सोने में कठिनाई, असामान्य तौर पर पसीना आना, छोटी-छोटी बातों में तनाव रहना, कांपना, भूख बहुत लगेगी, कितना भी खायें लेकिन वजन नहीं बढ़ेगा।
ऐसे पहचानें लक्षण
 कंधे में दर्द रहना व मासिक धर्म में समस्या होने लगती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। थायराइड होने पर व्हाइट ब्लड सेल्स कम होने की आशंका होती है। थायराइड की वजह से कई महिलाओं में बार-बार गर्भपात और अनियमित मासिक धर्म की समस्या होती है। इसी कारण कई महिलाएं मां नहीं बन पाती हैं।
क्या खायें क्या न खायें
 हल्का फुल्का खाना खायें, ताजे फल, हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन अधिक करें। नट‍्स भिगोकर खायें। नाॅनवेज बिल्कुल न लें। दूध और दूध से बने पदार्थों का सेवन कम कर दें। फूलगोभी, पत्तागोभी और ब्रोकली का सेवन थायराइड के मरीजों को बिल्कुल नहीं करना चाहिए। अपने भोजन में हाई फाइबर की मात्रा को बढ़ा दें और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को कम कर दें।
एक्सरसाइज करें
 जैसे गर्दन की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें। थायराइड ग्लैंड की हल्के हाथों से मसाज करें। सर्वांगासन, हलासन, प्राणायाम, कपालभाति जैसे योगासन करें।

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