लाइलाज नहीं है कैंसर, समय पर जांच से बच सकती है जान सीएमओ

धूम्रपान करने वालों की संख्या अधिक होने के कारण बढ़ रहा है मुंह का कैंसर


मुजफ्फरनगर, 7 नवंबर 2022।कैंसर जैसी बीमारी भी लाइलाज नहीं है। संतुलित खान-पान और समय रहते अगर इसकी जांच एवं उपचार करा लिया जाए तो कैंसर जैसी बीमारी भी ठीक हो सकती है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. महावीर सिंह फौजदार का। उन्होंने बताया - लोगों में सामान्यतः: मुंह का कैंसर,  महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर, स्तन कैंसर अधिक होता है। इसके अलावा भी लोगों को शरीर के किसी भाग भी में कैंसर हो सकता है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. महावीर सिंह फौजदार ने बताया - आजकल बाजार में पाए जा रहे ज्यादातर खाद्य पदार्थ में केमिकल मिश्रण होते हैं। यह कैंसर को बढ़ावा देने का काम करते हैं। इसके अलावा बहुत से लोग धूम्रपान व तम्बाकू का सेवन करते हैं जो मुंह के कैंसर का कारण है। कैंसर से बचाव के लिए लोगों को संतुलित खानपान का सेवन करना चाहिए, जिसमें ताजे फल व हरी सब्जियां मुख्य रूप से शामिल हैं। इनमें मौजूद विटामिन व मिनरल्स कैंसर की आशंका को कम करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा नियमित व्यायाम और शरीर का संतुलित वजन भी कैंसर से बचाए रखने में सहायक होता है।उन्होंने कहा - धूम्रपान करने वाले लोगों की संख्या अधिक होने के कारण मुख कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मुंह के कैंसर के मामले अन्य कैंसर की तुलना में सर्वाधिक हैं और इससे आसानी से बचा भी जा सकता है। इसके लिए सिर्फ तंबाकू, गुटखा और सिगरेट आदि से बचना होगा। कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, लेकिन अगर समय से इसका इलाज शुरू हो जाए तो इससे बचा जा सकता है।

एमएसडी क्लीनिक इंचार्ज डॉ. एसके त्यागी ने बताया जिला अस्पताल में आने वाले कैंसर के मरीजों को मेरठ के लिए रेफर कर दिया जाता है। यहां आने वाले अधिकतर मरीजों में स्तन कैंसर, मुंह का कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, फेफड़ों में कैंसर के मरीज आते हैं। मुजफ्फरनगर में इस बीमारी का पर्याप्त इलाज उपलब्ध नहीं इस लिए मेरठ रेफर कर दिया जाता है। उन्होंने कहा आजकल वायु प्रदूषण और धूम्रपान कैंसर का मुख्य कारण बन गया है। इसका समय रहते यदि बचाव कर लिया जाए तो निश्चित ही इलाज संभव है। उन्होंने कहा शरीर के किसी अंग में सूजन या गांठ हो जाना, तिल-मस्से के आकार या रंग में परिवर्तन होना, घाव का न भरना, लगातार बुखार होना और वजन में कमी होना, मूत्र विसर्जन में कठिनाई होना या उस दौरान रक्त का निकलना, तीन सप्ताह से अधिक खांसी होना या आवाज में परिवर्तन आना, अधिक समय से मुंह में छाले या पैच जो ठीक नहीं हो रहे हो, 4-6 सप्ताह या ज्यादा समय तक पतले दस्त का होना, महिलाओं में स्तन के आकार में परिवर्तन, रक्त का रिसाव, रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव इत्यादि कैंसर के लक्षण हैं। यदि इनमें से कोई लक्षण किसी व्यक्ति को नजर आता है तो तुरंत इसकी जांच करवाएं।

कैंसर से बचाव संभव

हेपेटाइटिस-बी का टीका लगवाएं

स्तन कैंसर की पहचान के लिए स्तन परीक्षण करवाएं

कैंसर की शुरुआती पहचान के लिए नियमित जांच करवाएं

व्यक्तिगत स्वच्छता का ख्याल रखें।

तंबाकू एवं शराब का सेवन न करें।

स्वस्थ आहार लें, भोजन में फल व सब्जियों की मात्रा बढ़ाएं।

शारीरिक रूप से सक्रिय रहें और शरीर का वजन सामान्य बनाए रखें।

स्वयं को पर्यावरण-प्रदूषण से बचाएं रखें।

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