शिशुओं को अनावश्यक  एंटीबायोटिक  दवाओं को देने से बचें - डा. अमित उपाध्यक्ष

 नवजातों को मॉ पहले दिन से पिलाना न भूलें  
 मेरठ।  विश्व प्रीमेच्योरिटी डे के अवसर पर न्यूटिमा हॉस्पिटल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें बाल रोग विशेषज्ञ डा अमित उपाध्याय ने कहा कि नवजात को स्वस्थ्य रखने के लिए पहले दिन से मॉ का दूध पिलाना न भूले । मॉ का दूध नवजात को एंटीबायोटिक का काम करता है।
 मीडिया को जानकारी देते हुए डा अमित उपाध्याय ने बताया विश्व प्रीमेच्योरिटी डे एक न्यू बोर्न वीक के साथ मनाया जाता है। यूनिसेफ व डब्ल्यूएचओ 15 से 21 नवंबर तक मनाया जाता है। उन्होंने नवजात शिशु में सबसे ज्यादा मृत्यु दर पायी जाती है। भारत में नवजात शिशु दर 26 प्रतिशत है । आज से 10  साल पहले यह रेट 40 प्रतिशत था। पिछले दस सालों में भारत में नवजात शिशु मृत्यु दर को घटाने के लिए काफी कार्य किया है। यूपी में यह दर 28 है यानी अगर १००० बच्चे पैदा होते है उसमें से 28 की मृत्यु विभिन्न कारणों से हो जाती है। देश का एवरेज है २२ प्रतिशत है। उन्होंने बताया 2030 तक इसे सिंगल डिजीज मोटिलिटी रेट लाने का है । कार्य थोडा मुश्किल है लेकिन यह सभी साथ मिलकर करना होगा।


 उन्होंने बताया बच्चे की डिलीवरी ऐसे स्थान पर हो जहां पर सभी सुविधा उपलब्ध हो । सभी जांच की सुविधा हो। ऑपरेशन के लिए अनुभवी चिकित्सक व स्टाफ हो। बच्चे के लिये नर्सरी हो। उन्होंने सरकार भी इस काफी ध्यान दे रही है। एमएनसीयू वार्ड की उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने बताया 2.8 किलो ग्राम का नवजात सामान्य माना जाता है। अगर इससे कम वजन नवजात है। इसके लिये लापरवाही न बरतें । चिकित्सकों को दिखाकर उपचार कराए। 

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