पहले से कोई बीमारी है तो एक्सपोज होने से बचें : डा. संतराम

-         बदलते मौसम के चलते बढ रहे गला खराब और बुखार के मामले

-         प्रदूषण ने और बढाई मुश्किलेंमॉस्क का प्रयोग कर बचाव करें

 

गाजियाबाद, 29 अक्टूबर, 2022। मौसम में बदलाव के चलते बढ रहे गला खराब और बुखार के मामले पहले ही परेशान कर रहे थेदिल्ली एनसीआर में लगातार खराब होती हवा की गुणवत्ता ने मुश्किलें और बढा दी हैं। प्रदूषण बढने से वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के ऊपर चला गया है। जिला एमएमजी चिकित्सालय के वरिष्ठ परामर्शदाता डा. संतराम वर्मा के मुताबिक  स्वास्थ्य के हिसाब से यह स्थिति बहुत ही खराब है। उन्होंने बताया मौसम में बदलाव के चलते गले में खराश और बुखार के मामले बढे हैं। पिछले दिनों हुई बेमौसम बरसात के बाद मच्छरों का प्रकोप भी बढ गयाजिससे मलेरिया और डेंगू का खतरा बढ गया। प्रदूषण बढने से मुश्किलें और बढ गईं। ऐसे में टीबीकैंसरमधुमेह और किडनी के रोगियों को खासतौर पर सतर्क रहने की जरूरत है। 

डा. संतराम का कहना है कि यदि पहले से कोई बीमारी है तो ऐसे लोग एक्सपोज होने से बचें। यानी भीड़भाड़ वाले स्थानों पर न जाएं। सुबह और शाम के समय मच्छर और प्रदूषणदोनों का खतरा बढ जाता हैइसलिए सुबह- शाम घर से बाहर निकलने से परहेज करें। प्रदूषण के कारण सांस लेने में तकलीफ होने पर मॉस्क का प्रयोग करें। मॉस्क प्रयोग करने से एक ओर जहां संक्रामक रोगों से बचाव होगा वहीं प्रदूषण से भी राहत मिल सकेगी। दिल्ली -एनसीआर में ज‌हां वाहनों के चलते प्रदूषण बढ जाता है वहीं निर्माण कार्य भी इसकी बड़ी वजह हैं। तापमान कम होने पर प्रदूषण ऊपर नहीं जा पाता और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित होता हैऐसे में घर से बाहर निकलने पर मॉस्क प्रयोग करना अपनी आदत में शुमार कर लें तो अच्छा है।

बुखार होने की स्थिति में नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सकीय परामर्श लें और साथ ही घर के अन्य सदस्योंखासकर बच्चों और बुजुर्गों से थोड़ी दूरी बनाकर रखें। घर का बना हुआ सादा खाना खाएंअधिक तला भुना खाने से बचेंठंडा और खट्टा खाने से भी परहेज करें। पीने के लिए गुनगुना पानी प्रयोग करें। प्रदूषण से बचाव के लिए भी नियमित अंतराल पर गुनगुना पानी पीना बेहतर रहता है।

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