चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में कोरोना काल के बाद में मनाया गया भैया दूज
बहनों ने भाई से दोबारा अपराध न करने का लिया वचन, बोलीं. भैया जल्दी घर आनाजेल प्रशासन ने तिलक लगवाकर जेल बाहर जाने के बाद भी किया सुरक्षा देने का वादा
मेरठ। गुरूवार को चौधरी चरण जिला कारागार में भैया दोज कोरोना काल के बाद पहली धूमधाम से मनाया गया । दो साल के बाद जेल में बंद भाई के सूने माथे पर तिलक सजाने जैसे ही बहन ने हाथ बढ़ाया तो आंखों से आंसू झर पड़े। बहन को रोता देख भाई भी खुद को रोक नहीं पाए और रोते.रोते बहन से तिलक कराया। जिला जेल में भाई को तिलक करने पहुंची बहनों ने रोते हुए भाई का टीका किया। बहन ने भाई से दोबारा अपराध न करने का वचन भी लिया।
मेरठ। गुरूवार को चौधरी चरण जिला कारागार में भैया दोज कोरोना काल के बाद पहली धूमधाम से मनाया गया । दो साल के बाद जेल में बंद भाई के सूने माथे पर तिलक सजाने जैसे ही बहन ने हाथ बढ़ाया तो आंखों से आंसू झर पड़े। बहन को रोता देख भाई भी खुद को रोक नहीं पाए और रोते.रोते बहन से तिलक कराया। जिला जेल में भाई को तिलक करने पहुंची बहनों ने रोते हुए भाई का टीका किया। बहन ने भाई से दोबारा अपराध न करने का वचन भी लिया।
जेल प्रशासन की ओर से जिला कारागार के बाद भैया दूज को लेकर तैयारी की गयी थी । कारागार के बाहर टेंट लगाया गया। जिसे गुब्बारों से सजाया गया। टेंट के अंदर जिले अधीक्षक राजेश कुमार ने बाहर से भाइयों से मिलने आने वाली बहनों व बच्चो के लिये चाय, बिस्किट, पानी के साथ बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था की गयी थी। सुबह से ही जेल के बाहर बहनों की लाइन लग गई। सुबह से बहनों, भाइयों के मुलाकात का सिलसिला चला। जेल के बाहर तीन काउन्टर लगाए थे। सुबह से बहनों ने जेल पहुंच कर भाइयों को मंगल तिलक किया और मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराया। भाई को तिलक लगाने जेल पहुंची बहनों के हाथों में सामान और आंखों में आंसू हैं। बहनें भाई के लिए मिठाई, खाने का सामान, तिलक पूजन का सामान लेकर पहुंच रही हैं। हर बहन की आंखें भी गीली हैं।
जब जेल अधिकारियों ने महिला बंदी की भाई की निभाई भूमिका
भैया दोज पर कोई भी बहन अपने भाई को तिलक कर उसकी लंबी उम्र की कामना करना चाहती है। लेकिन जिला कारागार में सात महिला बंदी ऐसी है जिनके कोई भाई नहीं है। जब जिला कारागार के अंदर अन्य महिला अपने जेल में बंद अपने भाइयों को तिलक लगवा रही थी ऐसे में जिला कारागार में बंद सात महिला बंदियों से जेल अधीक्षक राकेश कुमार, जेलर राकेश वर्मा, जेलर मनीष कुमार, डिप्टी जेलर नवीन कुमार, विक्रम सिंह, अरविंद कुमार समेत जेल कर्मचारियों ने भाई का दायित्व निभाया। जेल अधीक्षक ने सातों महिला बंदियों से कहा जेल से छूटने के बाद अगर उन्हें किसी भी तरह की परेशानी होती है। वह तत्काल उनके सीयूजी नम्बर पर फोन कर देे। वह उनके साथ खड़े रहेंगे।





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