किसान के बेटे ने शोध के क्षेत्र में लहराया परचम

डा. राम प्रताप को विश्व के 10 देशों में मिला तीसरा स्थान

मऊ (विजय उपाध्याय)। पतली फिल्मों में भग्न सिद्धांत में शीर्ष 10 सबसे प्रभावशाली शोध वैज्ञानिकों में मऊ के शोध वैज्ञानिक डॉ. राम प्रताप यादव ने विश्व के 10 देशों के वैज्ञानिकों में तीसरा स्थान लाकर मिसाल-ए-मऊ कारवां के हीरो बन मऊ का नाम रौशन किया है‌।
स्वीटजरलैंड में जोहांसबर्ग विश्वविद्यालय दक्षिण अफ्रीका और ब्रूनो विश्वविद्यालय चेक रिपब्लिक द्वारा संयुक्त रूप से प्रकाशित शोध रिव्यू पतली फिल्मों में भग्न सिद्धांत द्वारा  क्षेत्र में विश्व के 10 शीर्ष प्रभावशाली वैज्ञानिकों की सूची में डॉ. राम प्रताप यादव को तीसरा स्थान प्रदान किया जाना जनपद और प्रदेश ही नहीं देश के लिए गौरव की बात है। डॉ. यादव कोपागंज ब्लाक के भेलाबांध गांव के रहने वाले हैं। इसके पिता स्व. पतिराम यादव किसान एवं माता स्व. धनावती यादव गृहणी थी। अपने माता पिता की तीन संतानों में डाक्टर यादव सबसे बड़े बेटे हैं। इनके छोटे भाई शिवमुनि यादव यहीं रह कर व्यवसाय करते हैं। डा. राम प्रताप यादव ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई बापू इन्टर कालेज कोपागंज, मऊ से तथा बीएसी. इर्विग क्रिश्चियन कॉलेज इलाहाबाद, एमएसी. एवं पीएचडी. की पढ़ाई भौतिक विज्ञान विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से किया है।
राष्ट्रीय स्तर पर वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद् एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा आयोजित नेट की परीक्षा अच्छी रैंक में उत्तीर्ण होने के कारण इनको शोध के दौरान जूनियर और सीनियर रिसर्च फ़ेलोशिप मिल चुकी है। इन्होने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा आयोजित गेट परीक्षा को दो बार अच्छी रैंक के साथ उत्तीर्ण किया है। पीएचडी के बाद इनका चयन भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा फ़ेलोशिप के लिए हो गया, जिसे मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद से इन्होने पूरा किया। इसी दौरान उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए आपका चयन हो गया। वर्तमान में आप दीन दयाल उपाध्याय राजकीय महाविद्यालय, सैदाबाद, प्रयागराज में अपनी सेवा दे रहे हैं।
इनके अबतक लगभग 50 शोध पत्र राष्ट्रीय और अंतर-राष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके है।
डॉक्टर राम प्रताप यादव ने कहा कि आज उनके दादा और दादी भले ही इस दुनिया में नहीं है लेकिन उनके दिए गए प्रेरणा आज भी उनके दिलो-दिमाग में जिंदा है जिसकी बदौलत वह इस मुकाम पर पहुंचे हैं उन्होंने अपनेदादा स्वर्गीय सत्य देव यादव, स्वर्गीय कुंज बिहारी यादव एवं दादी श्यामराजी देवी को अपना प्रेरणा स्रोत बताया।

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