उर्वरक आपूर्ति स्टॉक ना होने पर किसान परेशान

 


हापुड़-जनपद के गन्ना सहकारी समितियों के सभी 11 केंद्रों पर 10 दिनों से डीएपी खत्म है। जिस कारण किसान उर्वरक ना मिलने से परेशान होकर इधर उधर भटक रहे हैं। साथ ही बाजारों के नगद क्रय केंद्रों पर भी डीएपी का ना मिलना समस्या बना हुआ है। आलू व गेहूं की बुवाई के समय डीएपी उर्वरक की ज्यादा आवश्यकता पड़ती है। डीसीओ निधि गुप्ता ने बताया कि डीएपी स्टॉक खत्म होने के संबंध में शासन को पत्राचार किया जा चुका है। नवंबर के प्रथम सप्ताह में रैक आने पर ही समस्या का निस्तारण हो पाएगा। बता दें गन्ना समितियों के खाद केंद्रों से किसान को उधार में उर्वरक मिलता है। गन्ना भुगतान के दौरान उर्वरकों का पैसा कटता रहता है। लेकिन सिंभावली शुगर मिल पर गत वर्ष के गन्ने का 210 करोड़ों के भुगतान रुकना भी किसान की मुसीबत बना है। वही कोऑपरेटिव सिर्फ अपनी समितियों के ही 38 खाद केंद्रों की सप्लाई कर रहे हैं। क्योंकि नगद केंद्रों के लिए आवंटित स्टाफ का कोटा पूरा हो चुका है। डीएपी के लिए मारामारी की शिकायत डीएम मेधा रूपम के कार्यालय तक पहुंचने पर जिला कृषि अधिकारी मनोज कुमार ने मेरठ से कुछ स्टॉक मंगवा कर किसानों को टोकन के द्वारा इफ़को के नवीन मंडी स्थित केंद्र पर वितरित किया। जोकि 4 घंटे में ही खत्म हो गया सूत्रों के अनुसार रवि फसल बुवाई के लिए 34 हजार मैट्रिक टन यूरिया व 9 हजार मैट्रिक टन डीएपी के सापेक्ष 9 हजार मैट्रिक टन यूरिया व 3 हजार मैट्रिक टन डीएपी उपलब्ध हुआ है। मनोज के अनुसार किसान मृदा का आकलन कर ही उर्वरकों का इस्तेमाल करें अधिक उर्वरक नुकसानदायक हैं। डीएपी व यूरिया की कालाबाजारी की सूचना पर जिला प्रशासन ने 24 स्थानों पर छापामार कार्रवाई करते हुए अनिमितताओं पर 7 को नोटिस जारी कर एक विक्रेता चेतन प्रकाश का लाइसेंस निरस्त कर दिया। इसके अलावा 6 नमूने जांच के लिए भेजें ताकि किसानों की समस्या का समाधान हो सके।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts