बापू ने सिखाया प्रेम और शांति का पाठ- अनुप्रिया पटेल
अरूणा आसफ अली अवार्ड सम्मानित हुई केन्द्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल
पूर्व आई.पी.एस राजेश पाण्डेय ने चलाया चरखा, दिया स्वदेशी और एकाग्रता का संदेश
बाराबंकी। अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल रविवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जन्म जयंती पर गांधी जयंती समारोह ट्रस्ट द्वारा आयोजित सामाजिक सहभागिता सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अथिति सम्मिलित हुई। उन्होने कई सामाजिक चिभूतियों को सम्मानित किया। इस दौरान गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट द्वारा केन्द्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल को अरूणा आसफ अली अवार्ड से सम्मानित किया गया।
सम्मान समारोह से पूर्व उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान केन्द्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि गाँधीजी सहिष्णुता, त्याग, संयम और सादगी की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने अपने जीवन के अलौकिक आदर्शाे, मूल्यों और सिद्धांतों के द्वारा समस्त विश्व के समक्ष अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। उनके विचार, वाणी एवं व्यवहार में एकरूपता ही उनका जीवन दर्शन है। उन्होंने आगे कहा कि विश्व के बहुत से नेताओं ने गांधीजी के जीवन से प्रेरणा ली है। सम्पूर्ण विश्व आज भी उन्हें एक इंसान के रूप में याद करता है जिन्होंने सिखाया प्रेम और शांति से भी कैसे जीता जा सकता है। अमेरिका में मार्टिन लूथर किंग, दक्षिण अफ्रीका में नेल्सन मंडेला और धार्मिक गुरु दलाई लामा बापू को अपना प्रेरणा स्रोत मानते हैं। गाँधी जयंती के अवसर पर सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़ कर सहभागिता करने वाले युवाओं को सम्मानित करके गौरवान्वित महसूस कर रही हूं।
उक्त समारोह से पूर्व 8 बजे गांधी भजन से कार्यक्रम की शुरूआत हुई। वहीं पूर्व प्रशासनिक अधिकारी एवं यूपीडा व पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के नोडल सिक्योरिटी ऑफिसर राजेश कुमार पाण्डेय ने गांधी भवन में झण्डारोहण कर चरखा कताई की और स्वदेशी को बढ़ावा दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उमेर किदवई ने की। कार्यक्रम का संचालन पाटेश्वरी प्रसाद ने किया।
इस मौके पर गांधीवादी राजनाथ शर्मा, एस.एस नेहरा एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट, भाजपा नेता सुधीर अग्रवाल, संजय सिंह एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट, राजेंद्र वर्मा एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट, विनय कुमार सिंह, मृत्युंजय शर्मा, वासिक रफीक वारसी, नासिर खान, तौकीर कर्रार, मो. अहमद शहंशाह, सरदार राजा सिंह, देवेन्द्र प्रताप सिंह ज्ञानू आदि लोग मौजूद रहे।


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