गन्ने का रेट 600 रुपये प्रति कुंतल हो

 रेट बढ़ाने को लेकर पश्चिमी प्रदेश मुक्ति मोर्चा करेगा आंदोलन
मेरठ।चीनी मिलों में पेराई सत्र शुरू होने में एक माह से कम का समय बचा है। ऐसे में किसान नेता गन्ने के रेट को लेकर आंदोलन की तैयारी में है। इस बार किसानों के लिए 600 रुपये प्रति कुंतल का रेट मांगा है। रेट कम न होने पर आंदोलन की धमकी दी जा रही है।
पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व भारतीय किसान यूनियन वर्मा के राष्ट्रीय संयोजक भगत सिंह वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को आसानी से गन्ने का लाभकारी रेट 600 रुपये कुंतल नगद दिया जा सकता है।गन्ना यूपी की आर्थिक रीढ़ है। एक कुंतल गन्ने से 12 किलोग्राम चीनी के साथ 5 किलोग्राम शीरा बनता है। शीरा से अल्कोहल बनता है जब यह उत्तर प्रदेश में देसी शराब में प्रयोग होता है तो एक कुंतल गन्ने से प्राप्त होने वाले अल्कोहल से सरकार को एक्साइज ड्यूटी के रूप में 1000 रुपये से अधिक राजस्व प्राप्त होता है इस हिसाब से प्रदेश के गन्ना किसानों को गन्ने का लाभकारी रेट 600 रुपये प्रति कुंतल कम से कम मिलना चाहिए। सरकार की गलत नीति के कारण प्रदेश के गन्ना किसानों को चीनी मिल खोई के दाम भी नहीं दे रही हैं। इसलिए किसान घाटे में जा रहे हैं। उन्होंने कहा  कि पिछले वर्ष का भी अभी तक प्रदेश की चीनी मिलों पर 7 हजार करोड़ रुपए प्रदेश के गन्ना किसानों का बकाया है। जिसे दिलाने के लिए प्रदेश सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। यूपी की 120 चीनी मिलों पर 12 हजार करोड़ रुपए बकाया है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी गन्ना किसानों को चीनी मिलों से ब्याज दिलाने के लिए प्रदेश सरकार को आदेश किए हुए हैं। लगातार अलग अलग जिलों में किसानों के साथ बैठक की जा रही है। जल्द ही मेरठ में नये सिरे से आंदोलन शुरू किया जाएगा।

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