वर्कआउट के बाद दर्द, अपनाएं यह उपाय


फिटनेस के तमाम दावे तब व्यर्थ साबित होते हैं जब हम वर्कआउट के बाद भी तकलीफों की शिकायत करते रहें। अभी ये दर्द हो रहा है, तो अब यहां तकलीफ है। इस तरह की अनेक समस्याएं आपको किसी भी तरह से फिट साबित नहीं कर पाती हैं। लेकिन यदि आप किसी तरह के वर्कआउट शेड्यूल की शुरुआत कर रहे हैं या आपकी बॉडी में बहुत ज़्यादा स्टिफनेस है तो संभव है आपको शरीर में तकलीफ हो। ऐसे में कुछ आसान तरीकों को अपनाकर आप अपने दर्द को पूरी तरह ठीक कर सकते हैं। हीट थेरेपी के अलावा आप वर्कआउट के बाद स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ भी ज़रूर कीजिये। इससे आपकी मसल्स को काफी आराम मिलता है और साथ ही वो फ्लेक्सिबल भी होती हैं। ओमेगा 3 का सेवन और आइस मसाज भी आपको शरीर में होने वाली तकलीफ से राहत दिलवाती है। एक बात का ध्यान और भी रखिये कि अपने शरीर के साथ आपको ज़ोर ज़बरदस्ती नहीं करना है। इससे आपको गम्भीर समस्या भी हो सकती है। आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
धीरे-धीरे करें वर्कआउट की शुरुआत
जब भी आप वर्कआउट रूटीन को शुरू करें ध्यान रखें कि एकदम से भारी एक्सरसाइज़ शुरू न करें। इसके बजाय हल्की एक्सरसाइज़ से स्टार्ट करें। लोग सोचते हैं कि एक ही दिन में सारी फिटनेस पा लेंगे। लेकिन ऐसा करना खतरनाक भी हो सकता है। इससे आपको कोई गम्भीर चोट या किसी तरह की अंदरूनी परेशानी हो सकती है। सबसे बड़ी बात कि वर्कआउट किसी कुशल प्रशिक्षित ट्रेनर की निगरानी में ही करें। धीरे-धीरे आप हल्की एक्सरसाइज़ से अपनी क्षमता के अनुसार बदलाव करते रहिए।  
तकलीफ होने पर वर्कआउट तुरन्त बंद कर दें
किसी तरह के वर्कआउट के बाद यदि आपको कोई समस्या होती हो तो उस वर्कआउट को रोक दें। क्योंकि जैसा हमने कहा शरीर के साथ कोई ज़बरदस्ती नहीं करना चाहिए। अगर आपको कोई एक्सरसाइज़ करने के बाद दर्द या अकड़न महसूस हो तो उसे न करना ही ठीक रहेगा। पहले इसके बारे में किसी डॉक्टर से सलाह कर लीजिए उसके बाद ही आप एक्सरसाइज़ को आगे बढ़ाइये।
स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ शुरू में और अंत में ज़रूर करें
ये बहुत आवश्यक है कि आप स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ वर्कआउट के बाद करें। क्योंकि इससे आपकी मसल्स फ्लेक्सिबल होती हैं। इस तरह आपकी वर्कआउट क्षमता और भी बढ़ती है। फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ने से चोट लगने की संभावना भी कम होती जाती है। यदि आप स्ट्रेचिंग नहीं करते हैं तो शरीर में स्टिफनेस बढ़ती है।
दर्द वाली जगह पर हीट थेरेपी अप्लाई करें
हीट थेरेपी का अर्थ है सिकाई करना। आपने सामान्य रूप से देखा होगा कि सूजन आने पर या दर्द होने पर हीट थेरेपी का प्रयोग किया जाता है। इससे न सिर्फ दर्द कम होता है बल्कि सूजन भी ठीक हो जाती है। इसलिए वर्कआउट के बाद आपको दर्द या मोच की शिकायत है तो हीट थेरेपी की मदद से आप उसे ठीक कर सकते हैं।
आइस मसाज भी मसल्स को रिलेक्स करती है
जिस तरह आप हीट थेरेपी का उपयोग करते हैं वैसे ही आइस मसाज भी है। बस फर्क ये है कि एक गर्म है और एक ठंडी। आइस मसाज में बर्फ की मदद से दर्द वाली जगह सिकाई की जाती है। आइस मसाज से आपकी मांसपेशियां नम हो जाती हैं। जिससे उनमें आया तनाव कम होता है।

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