भाजपा नेता नारायण राणे को हाईकोर्ट से झटका

 बंगले पर अवैध निर्माण को तोड़ने का दिया आदेश
मुंबई (एजेंसी)।
भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद नारायण राणे को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी को दो सप्ताह के भीतर मुंबई में उनके बंगले में चल रहे अनधिकृत निर्माण को ध्वस्त करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
 इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति आरडी धानुका और न्यायमूर्ति कमल खता की खंडपीठ कर रही थी। बता दें कि बीएमसी की टीम ने कुछ महीने पहले समुद्र तटीय नियामक क्षेत्र (सीआरजेड) के मानक के उलंघन के लिए राणे के 'अधीश' बंगले का निरीक्षण किया था। उसके बाद राणे को बीएमसी अधिनियम 1888 की धार 351 (1) के तहत नोटिस जारी किया था। बीएमसी के-पश्चिम वार्ड के अधिकारी द्वारा जारी नोटिस में कहा गया था कि बंगले में किए गए परिवर्तन अनुमोदित योजनाओं के अनुरूप नहीं थे।
राणे के वकील शार्दुल सिंह ने अदालत से छह सप्ताह के लिए अपने आदेश पर रोक लगाने की मांग की ताकि वह अपील में उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकें। हालांकि बेंच ने इसे खारिज कर दिया। अदालत ने राणे के परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी कालका रियल एस्टेट्स द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें बीएमसी को निर्देश देने की मांग की गई थी कि वे पहले नागरिक निकाय द्वारा पारित आदेशों से अप्रभावित उनके दूसरे आवेदन पर फैसला करें।
नोटिस में बंगले के भूतल और आठ मंजिलों में से सात में अनधिकृत तौर पर बदलाव किए जाने का उल्लेख किया गया है। बीएमसी के एक अधिकारी का कहना है कि पहली मंजिल से लेकर 8वीं मंजिल (7वीं मंजिल छोड़कर)  तक बगीचे की जगह रूम बनवाए गए हैं जबकि नियम के मुताबिक आठ मंजिला बंगले के सभी फ्लोर पर बगीचे का क्षेत्र होना आवश्यक है।

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