श्री राम जानकी विवाह, जानकी विदाई, अवध खुशियां, कैकई- मंथरा संवाद, दशरथ- कैकई संवाद, वरदान का लीला मंचन

मेरठ।  श्री सनातन धर्म रक्षिणी सभा पंजीकृत मेरठ शहर के तत्वधान में श्री रामलीला कमेटी पंजीकृत मेरठ शहर द्वारा बुढ़ाना गेट स्थित जिमखाना मैदान में रामलीला का मंचन किया गया। 

आज लीला मंचन का  उद्घाटन ब्रह्मानंद अशोक कुमार बंसल द्वारा किया गया , अतिथि सुबोध जिंदल, अमित गर्ग, राजीव गोयल, संजय अग्रवाल, अजय सिंघल ,मधुरेश गोयल आदि रहे। सभी उपस्थित पदाधिकारी सदस्य द्वारा पूजा अर्चना कर लीला मंचन प्रारंभ किया गया ।

आज जिमखाना मैदान  में श्री राम जानकी विवाह, जानकी विदाई, अवध खुशियां, कैकई- मंथरा संवाद, दशरथ- कैकई संवाद, वरदान का लीला मंचन किया गया।



भगवान राम और सीता के विवाह की भव्य तैयारियां की जाती हैं। इसी के साथ राजा जनक और उनके भाई की चारों पुत्रियों का विवाह राजा दशरथ के चार बेटों से हो जाता है। चारों रानियों को डोली में बैठा कर ले जाने का दृश्य लोगों का मन मोह लेता है ।

विवाह के पश्चात राजा जनक से अयोध्या नगरी वापस जाने की आज्ञा माँगने पर राजा जनक की आखों से अश्रु छलक पड़ते हैं । जानकी विदाई का मार्मिक मंचन किया गया जिसमे जानकी विदाई के समय राजा जनक की हृद यवय्था का मार्मिक मंचन किया गया सभी डोलिया जिमखाना मैदान में सभी भक्त जनों के बीच से होती हुई निकलती है।



राजा दशरथ गुरू वशिष्ठ जी से कहते हैं कि मेरी एक अभिलाषा हैं कि राम को युवराज पद दे दिया जाये यह सुनकर मुनि वशिष्ठ अति प्रसन्न हुए। उधर देवता सोचते हैं कि अगर राम को वनवास नहीं होता हैं तो निशाचरों का नाश कैसे होगा इसके लिए उन्होंने सरस्वती जी से प्रार्थना की और सरस्वती कैकेयी की दासी मंथरा की बुद्धि फेर देती हैं। मंथरा कैकेयी को समझाती हैं कि इस राजतिलक में सिर्फ राम का भला है ।

कैकेयी कोप भवन में चली जाती हैं और जब राजा दशरथ कैकेयी से कोप भवन में जाने का कारण पूछते हैं तो वह राजा को पहले दिये गये उनके वचन को याद दिलाती है कि समय आने पर दो वरदान मांग लेना, मैं पहला वरदान भरत को राज व दूसरा रामको 14 वर्ष का वनवास मांगती हूँ । राजा के समझाने के बावजूद कैकेयी नहीं मानती तो यह सुनकर दशरथ हेराम हेराम कहते हुए मूर्छित होकर जमीन पर गिर पड़ते हैं।आज के लीला मंचन को देख लोगों का दिल भर आता है।

इस कार्यक्रम में संस्था अध्यक्ष मनोज गुप्ता राधा गोविंद मंडप,  मनोज अग्रवाल , योगेंद्र अग्रवाल, राकेश शर्मा संचालक, पंकज गोयल पार्षद, विपुल सिंघल, राकेश गर्ग, अजित शर्मा, उमा शंकर पाल, विपिन मित्तल, उत्सव शर्मा, अजय गोयल अनन्या, प्रदीप अग्रवाल, मनोज जिंदल, दीपक गोयल ,संदीप गोयल रेवड़ी, सचिन गोयल, रंजन सिंघल, संदीप पाराशर, हर्षित गुप्ता, दीपक सिंघल, अपार मेहरा, अनिल गोल्डी, सुशील गर्ग, सुरेश गोयल ,संजय जी, मयूर अग्रवाल  सहित भारी संख्या में भक्तगण मौजूद रहे।

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