ई-रुपी वाउचर के जरिए मिलेगी अल्ट्रासाउंड की सुविधा
- सरकार सोनभद्र और हरदोई जिले में शुरू कर रही है पायलट प्रोजेक्ट
- पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा तो जल्द ही गाजियाबाद सहित पूरे सूबे में शुरू होगी सुविधा
गाजियाबाद, 19 सितंबर, 2022। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए सरकार कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहती। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के तहत जहां सरकार लगातार प्रसव पूर्व जांच कराने पर जोर दे रही है वहीं अल्ट्रासाउंड की निशुल्क सुविधा प्रदान करने के लिए सरकार ने ई-रुपी वाउचर का सहारा लेने का निर्णय लिया है। सूबे के सोनभद्र और हरदोई जिले में पायलट प्रोजेक्ट के यह सुविधा शुरू की जा रही है। पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा तो जल्द ही गाजियाबाद सहित प्रदेश के सभी जिलों में ई-रुपी वाउचर सुविधा के जरिए महिलाओं को अल्टासाउंड की निशुल्क सुविधा मिलने लगेगी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की डीपीएमयूओ पूजा सक्सेना ने बताया मातृ एवं शिशु मृत्यु दर पर अंकुश लगाने के लिए सुरक्षित मातृत्व अभियान संचालित है। अभियान के तहत हर माह की नौ तारीख को सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसव पूर्व जांच निशुल्क की जाती हैं और अन्य जांचों के अलावा अल्ट्रासाउंड की सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराई जाती है लेकिन सभी स्वास्थ्य केन्द्रों (फैसिलिटिज) पर अल्ट्रासाउंड सुविधा उपलब्ध नहीं है। प्रदेश सरकार की ओर से निशुल्क अल्ट्रासाउंड सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ई-रुपी वाउचर सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया गया है और सोनभद्र व हरदोई जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तहत यह सुविधा शुरू भी कर दी गई है।
ई-रुपी वाउचर के जरिए एनएबीएल से मान्यता प्राप्त अल्ट्रासाउंड सेंटर को अल्ट्रासाउंड करने के लिए 300 रुपए और अन्य केंद्रों को 255 रुपए का भुगतान किया जाएगा।
क्या है ई-रुपी वाउचर
ई-रुपी वाउचर एक क्यूआर कोड होता है जिसे स्कैन करते ही पैसे एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पहुंच जाते हैं। यह एक प्रीपेड वाउचर की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। लाभार्थी के मोबाइल पर यह कोड संबंधित पीएचसी या सीएचसी (जहां से डाक्टर ने महिला को अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी होगी) से दिया जाएगा। अल्ट्रासाउंड सेंटर पर इस क्यूआर कोड को स्कैन करते ही सेंटर को भुगतान प्राप्त हो जाएगा।
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