राष्ट्रीय पोषण माहः सुपोषित बच्चे किए जाएंगे पुरस्कृत

22 सितंबर को होगा स्वस्थ बालक-बालिका प्रतियोगिता का आयोजन

दो अक्टूबर को किया जाएगा रैंकिंग के आधार पर पुरस्कृत


मुजफ्फरनगर, 17 सितंबर 2022। पोषण माह में बच्चों के पोषण स्तर में सुधार व पोषण की महत्ता पर जागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों के परिणामों को जानने के लिए स्पर्धा का आयोजन भी किया जा रहा है। इसी क्रम में 22 सितंबर को स्वस्थ बालक-बालिका प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। प्रतियोगिता में विजयी बच्चों को रैंकिंग के आधार पर दो अक्टूबर को पुरस्कृत किया जाएगा। 

इन मानकों के अनुरूप होगा चयन

जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश गौंड के मुताबिक़ मासिक वृद्धि निगरानी के लिए पांच अंक मिलेंगे। व्यक्तिगत स्वच्छता के तहत साफ हाथ, नाखून कटे होने, पोषण श्रेणी (ऊंचाई लंबाई के सापेक्ष वजन) जो लगातार सामान्य श्रेणी में हो या गंभीर तीव्र अतिकुपोषित (सैम)  से मध्यम गंभीर कुपोषित (मैम) या फिर मैम से सामान्य श्रेणी में आए हो, उसके लिए 10-10 अंक मिलेंगे। इसी प्रकार आहार की स्थिति शून्य से छह माह तक केवल स्तनपान, छह माह से तीन वर्ष तक प्राप्त होने वाले अनुपूरक पुष्टाहार का नियमित सेवन, तीन से पांच वर्ष के बच्चे प्राप्त होने वाले अनुपूरक पुष्टाहार का नियमित सेवन तथा आंगनबाड़ी केंद्र में उपस्थिति के लिए और आयु आधारित टीकाकरण के लिए 10-10 अंक मिलेंगे। जबकि डीवार्मिंग के लिए पांच अंक दिए जाएंगे।

दो अक्टूबर को आयोजित पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों की रैंकिंग- प्रथम, द्वितीय व तृतीय के रूप में की जाएगी। बच्चों के माता-पिता विशेषकर माताओं को प्रमाण पत्र भी दिये जाएंगे। प्रतियोगिता में स्वस्थ पाये गये बच्चों को उनकी रैंकिंग के अनुसार खिलौने पुरस्कार के रूप में दिये जाएंगे। 

यह करेंगे पुरस्कार के लिए बच्चों का चयन

ग्राम सभा के प्रतिनिधि, पोषण पंचायत के सदस्य, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका, एएनएम/ आशा और स्थानीय शिक्षक पुरस्कार के लिए बच्चों का चयन करेंगे।

प्रतियोगिता का उद्देश्य

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया- स्वस्थ बालक-बालिका प्रतियोगिता का उद्देश्य शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाना।  स्वस्थ बच्चे पर कुपोषित बच्चे की तुलना में ज्यादा ध्यान देना। समुदाय को बच्चे के स्वास्थ्य एवं पोषण को भावनात्मक स्तर से जोड़ना तथा स्वास्थ्य एवं पोषण के बारे में जागरूक करना। समुदाय में अभिभावकों के मध्य अपने बच्चे को स्वस्थ एवं सुपोषित रखने के लिए प्रति स्पर्धात्मक माहौल तैयार करना। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार की सेवाओं को प्राप्त वाले बच्चों की संख्या में वृद्धि लाना। बच्चों की वृद्धि एवं विकास की निरंतर निगरानी करते हुए समय से कुपोषण की पहचान करना, कुपोषण दूर करना प्रतियोगिता का उद्देश्य  है।

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