ज्ञानवापी परिसर में पूजा-आरती करने की मांग का मामला

इंतजामिया कमेटी ने आपत्ति दाखिल करने को मांगा समय
- मामले की अगली सुनवाई छह अक्टूबर को

वाराणसी।
सिविल जज सीनियर डिविजन कुमुद लता त्रिपाठी की अदालत में ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की आकृति की पूजा-भोग आरती करने के लेकर अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से दाखिल अर्जी पर गुरुवार को सुनवाई हुई। प्रतिवादी मस्जिद पक्ष ने आपत्ति दाखिल करने के लिए समय मांगा। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए छह अक्टूबर की तिथि तय की। पिछले तिथि पर पीठासीन अधिकारी अवकाश पर होने के कारण सुनवाई नही हो पाई थी।
बता दे की शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद व रामसजीवन ने अपने वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण कुमार त्रिपाठी, रमेश उपाध्याय चंद्रशेखर सेठ की माध्यम से अदालत में अर्जी दी थी। प्रार्थना पत्र में कहा गया की शृंगार गौरी प्रकरण में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के आदेश पर हुए कोर्ट कमीशन की कार्यवाही में मिली शिवलिंग आकृति का विधिवत राजभोग, पूजन व आरती जिला प्रशासन की ओर से विधिवत करना चाहिए था, लेकिन अभी तक प्रशासन ने ऐसा नहीं किया है। न किसी अन्य सनातनी धर्म से जुड़े व्यक्ति को इसके सम्बंध में नियुक्त किया।
उन्होंने बताया कि कानूनन देवता की परस्थिति एक जीवत बच्चा के समान होती है। जिसे अन्न-जल आदि नहीं देना दैहिक स्वतंत्रता के मूल अधिकार का उल्लंघन है। पूजा पाठ की मांग की गई है। इस मामले पक्षकार को उपस्थित होने के लिए सुनवाई लंबित है।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts