आपदा प्रबंधन यानी डिजास्टर मैनेजमेंट एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें करिअर के कई अवसर हैं। आपदा प्रबंधन की सबसे बड़ी चुनौती होती है आपदाग्रस्त क्षेत्र और होने वाली क्षति का आकलन करना। इसमें खतरे से निपटने, दुघर्टना होने के बाद जान-माल की हिफाजत की समझ होनी जरूरी है। आपदा प्रबंधन की जरूरत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब इसे स्कूल और प्रोफेशनल एजुकेशन में भी शामिल कर लिया गया है। अलग-अलग तरह की आपदाओं में फंसे लोगों को बचाने एवं नुकसान को न्यूनतम करने के तरीके भी अलग-अलग होते हैं। चूंकि कुदरती आपदा अचानक आती है इसके लिए 2005 में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट बनाया गया। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटीज का गठन किया गया। हमारे देश में आपदा प्रबंधन की दो विंग काम कर रही हैं। एनडीएमए (नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी) और डायरेक्टर जनरल सिविल डिफेंस (डीजीसीडी)। नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी नियम और कानून बनाते हैं। इनके जिम्मे डिजास्टर से संबंधित कई विभागों का काम होता है। वहीं डीजीसीडी के अंतर्गत हर शहर और हर इलाके में इनकी टीमें होती हैं। यह छोटे-छोटे विंग में काम करते हैं। टीम का सदस्य कोई भी हो सकता है। उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है।
योग्यता
डिजास्टर मैनेजमेंट से संबंधित कई तरह के कोर्स मौजूद हैं। अंडरग्रेजुएट व सर्टिफिकेट कोर्स के लिए 50 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं पास होना जरूरी है। मास्टर तथा एमबीए सरीखे कोर्स के लिए स्नातक होना आवश्यक है। कुछ संस्थान पीएचडी भी कराते हैं। अतः उसके लिए मास्टर डिग्री होना जरूरी है। इसके अलावा शॉर्ट टर्म कोर्स और डिस्टेंस लर्निंग कोर्स भी एक विकल्प है। संबंधित कोर्स में प्रमुख हैं-सर्टिफिकेट इन डिजास्टर मैनेजमेंट, डिप्लोमा इन डिजास्टर मैनेजमेंट, एमए इन डिजास्टर मैनेजमेंट, एमबीए इन डिजास्टर मैनेजमेंट,पीजी डिप्लोमा इन डिजास्टर मैनेजमेंट। इसमें एसोसिएट डिग्री इन हेल्थ सेफ्टी एंड एनवायरनमेंट जैसे कोर्स भी शामिल हैं। पाठयक्रम में शामिल हैं रिस्क एसेसमेंट एंड प्रीवेंशन स्ट्रेटेजीज, लेजिस्लेटिव स्ट्रक्चर फॉर कंट्रोल ऑफ डिजास्टर मेटिगेशन रेस्क्यू आदि। दिल्ली कॉलेज ऑफ फायर सेफ्टी इंजीनियरिंग के निदेशक जिले सिंह लाकड़ा के मुताबिक इसकी पढ़ाई रेगुलर और डिस्टेंस लर्निंग के द्वारा भी की जा सकती है। इसमें दो वर्ष का स्नातकोत्तर दूरवर्ती अध्ययन शिक्षा कार्यक्रम भी चलाया जाता है।
नौकरी के अवसर
सरकारी विभागों के फायर डिपार्टमेंट, बाढ़ एवं सूखा राहत विभाग आदि में प्रोफेशनल्स की भर्ती की जाती है। विदेशों में छात्र अपना करिअर इमरजेंसी सर्विस, लोकल अथॉरिटी, राहत एजेंसी, एनजीओ, यूएनओ, वर्ल्ड बैंक, एमनेस्टी इंटरनेशनल, एशियन डेवलपमेंट बैंक, रेड क्रॉस सोसाइटी, यूनेस्को जैसी इंटरनेशनल एजेंसी में बना सकते हैं। रिस्क मैनेजमेंट, कंस्ट्रक्शन टेक्नालॉजी कंसल्टेंसी, डॉक्यूमेंटेशन, इंश्योरेंस, स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट में भी जॉब की संभावनाएं बनी रहती हैं।
प्रमुख संस्थान
- दिल्ली कॉलेज ऑफ फायर सेफ्टी इंजीनियरिंग, नयी दिल्ली
- इंस्टीट्यूट ऑफ़ डिजास्टर मैनेजमेंट एंड फायर साइंस, चंडीगढ़
- डिजास्टर मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, भोपाल, मध्य प्रदेश
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