दवा, पोषण और भावनात्मक सहयोग का टीबी मरीजों पर तेजी से हो रहा असर
607 टीबी मरीजों में से 65 प्रतिशत हुए ठीक

मेरठ, 23 जुलाई 2022। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के आह्वान पर इस साल स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा 607 टीबी मरीजों को गोद लिया गया। विभाग के अनुसार 65 प्रतिशत टीबी मरीज ठीक हो गये हैं। बाकी मरीजों का उपचार चल रहाहै। गौरतलब है कि जिन स्वयंसेवी संस्थाओं ने टीबी मरीजों को गोद लिया है वह हर माह उन्हें पुष्टाहार उपलब्ध कराते हैं साथ ही उनकी अन्य परेशानी का भी समाधान करती हैं। इसके अलावा उनके संपर्क में रहकर इस बात का अहसास करतीं है कि टीबी से लड़ाई में अकेले नहीं हैं वह सब भी उनके साथ हैं।




 जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ गुलशन राय का कहना है कि टीबी मरीजों को मिली भावनात्मक सहानुभूति, पुष्टाहार और दवा का असर हो रहा है। टीबी मरीजों की तेजी से रिकवरी हो रही है। गोद लिये गये मरीजों में से लगभग 65 प्रतिशत लोग टीबी को मात दे चुके हैं। उन्होंने बताया इस वित्तीय वर्ष में 607 टीबी मरीजों को गोद लिया गया, जिसमें 144 बच्चे , 233 महिलाएं व 230 पुरुष शामिल थे। जिले की 11 समाजसेवी व अन्य संस्थाओं ने उन्हें गोद लिया। जिसमें वीरीना फाउंडेशन, ग्रामीण समाज विकास केन्द्र, रोटरी इंटरनेशनल, रेड क्रॉस सोसाइटी, चौधरी चरण सिंह विवि, नवीन मंडी एवं संयुक्त व्यापार संघ, सुभारती विवि, केमिस्ट एंड ड्रग्स एसोसिएशन, राजनीतिक दल व स्वास्थ्य विभाग शामिल हैं। गोद लिये गये टीबी मरीजों को लगातार पोषण आहार वितरित किया जा रहा है। समय-समय पर स्वयं सेवी संस्थाएं उनके घर पर जाकर उनका हौसला बढ़ाने के साथ यह भी जानकारी ले रही है कि वह पुष्टाहार और दवा का ठीक से सेवन कर रहे हैं।
   बोले मरीज, स्वयंसेवी संस्था बढ़ा रही हौसला
 बक्सर निवासी नसीम ने बताया उन्हें स्वयंसेवी संस्था लगातार पोषण आहार प्रदान कर रहीं हैं। समय-समय पर संस्था के लोग उनका हौसला भी बढ़ा रहे हैं। इसके साथ वह कोरोना से सतर्क रहने का भी आग्रह कर रहे हैं।
 खरखौदा की चंचल सैनी का कहना है कि विभाग की ओर से उनका उपचार किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग व स्वंय सेवी संस्था हर माह उनका हालचाल पूछते हैं औरटीबी के खिलाफ लड़ाई में उनका हौसला बढ़ा रहे हैं।
 लालकुर्ती निवासी अजीम अल्वी का कहना है जब से टीबी की बीमारी हुई है तब से विभाग लगातार उनका उपचार कर रहा है। सामाजिक संस्था से हर माह पोषण आहार मिल रहा है और लगातार उनसे संपर्क कर उनका हालचाल जाना जाता है।
 बनी सराय कोतवाली स्थित 12 वर्षीय बालिका की मां का कहना है विभाग की बदौलत उनकी बीमारी काफी हद तक ठीक हो गयी है। संस्था द्वारा लगातार पोषण आहार दिया जा रहा है। संस्था व विभाग के लोग समय समय पर हालचाल मालूम कर रहे हैं।
 घंटाघर निवासी नेहा का कहना है जांच में टीबी आने पर वह काफी नर्वस हो गयी थी, लेकिन विभाग की ओर से उपचार करने के साथ उसका हौसला बढ़ाया गया। संस्था के कार्यकर्ताओं ने पोषण देने के साथ उसे टीबी से लड़ने में काफी सहयोग किया।

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