डीटीओ ने सीएचसी धौलाना का किया निरीक्षण

-          दस्तक अभियान के लिए आशा कार्यकर्ताओं का संवेदीकरण करने पहुंचे थे डा. राजेश सिंह

-          अभियान में क्षय रोगियों की स्क्रीनिंग के लिए दी आशा कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग

हापुड़/धौलाना, 08 जुलाई, 2022। जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। यहां उन्होंने एचआईवी की जल्दी पहचान और परामर्श के लिए स्थापित एकीकृत परामर्श और प्रशिक्षण केंद्र (आईसीटीसी) की कैंटीन में सफाई व्यवस्था आदि का जायजा लिया, साथ ही केंद्र पर स्थित लेबर रूम में एचआईवी किट और सिरप नेवीरपाइन का निरीक्षण किया, हालांकि निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक डीटीओ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर संचारी रोग नियंत्रण माह के तहत दस्तक अभियान में शामिल धौलाना ब्लॉक की आशा कार्यकर्ताओं का संवेदीकरण करने पहुंचे थे। निरीक्षण और संवेदीकरण कार्यक्रम के दौरान जिला क्षय रोग विभाग से मनोज कुमार गौतम भी डीटीओ के साथ रहे।


जिला क्षय रोग अधिकारी ने सामुदायिक स्वास्थ्य पर स्थित सभागार में आशा कार्यकर्ताओं को क्षय रोग के लक्षणों के बारे में जानकारी देने के साथ ही दस्तक अभियान में स्क्रीनिंग का तरीका भी बताया। आशा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए डा. राजेश सिंह ने कहा - दो सप्ताह से अधिक खांसी, खांसते समय बलगम या खून आना, सीने में दर्द रहना, बुखार रहना और वजन कम होना क्षय रोग के लक्षण हो सकते हैं।


आशा कार्यकर्ता दस्तक अभियान (16 से 31 जुलाई, 2022) में गृह भ्रमण के दौरान वह परिवार के हर सदस्य से क्षय रोग के लक्षणों के बारे में विस्तार से पूछें और यदि किसी में क्षय रोग से मिलते जुलते लक्षण हों तो उसकी जानकारी क्षय रोग विभाग को दिए गए फॉर्मेट पर दें। क्षय रोग विभाग ऐसे सभी लोगों की निशुल्क टीबी जांच कराएगा और यदि किसी में टीबी की पुष्टि होती है तो तत्काल निशुल्क उपचार भी शुरू कराएगा। इतना ही नहीं स्क्रीनिंग करने वाली आशा को भी प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाएगा। 

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टीबी के लक्षण होने पर तत्काल जांच कराएं


डीटीओ डा. राजेश सिंह ने आमजन से अपील की है कि टीबी के लक्षण होने पर तत्काल जांच कराएं। टीबी की जांच कराने में किसी तरह का संकोच करने की जरूरत नहीं है। क्षय रोग भी अन्य रोगों को ही तरह है, यह किसी को भी हो सकता है। निय‌मित उपचार के बाद क्षय रोग पूरी तरह ठीक हो जाता है। क्षय रोग विभाग के पास टीबी का आधुनिक उपचार उपलब्ध है और यह उपचार पूरी तरह निशुल्क है। उपचार के दौरान विभाग अच्छे पोषण के लिए रोगी के बैंक खाते में पांच सौ रुपए प्रतिमाह भुगतान भी करता है।

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