एडवांस ब्रेन ट्यूमर के मरीजों का सफल इलाज


 मेरठ. न्यूरोसर्जरी के क्षेत्र में हालिया एडवांस तकनीक ने इलाज को काफी बेहतर और सफल बनाया है. ब्रेन ट्यूमर को हटाने के लिए मिनिमली इनवेसिव सर्जरी आजकल इलाज का सबसे अच्छा माध्यम बन गई है.एडवांस स्टेज के ब्रेन ट्यूमर से जूझ रहे दो मरीजों का सफल इलाज नई दिल्ली के पटपड़गंज स्थित मैक्स सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल में किया गया. ये दोनों मरीज मेरठ के रहने वाले हैं. 47 साल की धर्मवती और 36 साल के अनुराग भारद्वाज के ब्रेन ट्यूमर का मैक्स में सफल उपचार किया गया है. दोनों ही मरीजों को सिरदर्द की दिक्कत हुई थी, जिसके बाद वो मैक्स अस्पताल पटपड़गंज पहुंचे थे. यहां उनकी बीमारी का पता लगाया गया और फिर इलाज शुरू किया गया. मैक्स अस्पताल पटपड़गंज में न्यूरोसर्जरी के सीनियर डायरेक्टर डॉक्टर अमिताभ गोयल के नेतृत्व में इन दोनों मरीजों का ट्रीटमेंट किया गया.
ये दोनों पेशंट समय पर डॉक्टरों के पास पहुंचे थे, और उनकी इस सतर्कता को ही इनके सफल इलाज की कुंजी माना जा रहा है. इसी के मद्देनजर मैक्स अस्पताल पटपड़गंज ने आज मेरठ में एक अवेयरनेस सेशन आयोजित किया, जिसमें समय पर इलाज कराने की अहम भूमिका को समझाया गया. साथ ही आजकल एडवांस तकनीक से किए जा रहे ब्रेन ट्यूमर के इलाज की भी जानकारी दी गई. इस मौके पर डॉक्टर अमिताभ गोयल ने बताया, धर्मवती के बाएं कान से सुनने की क्षमता कम हो रही थी और उन्हें सिरदर्द की भी समस्या रहने लगी थी. जब धर्मवती मैक्स में पहुंचीं तो यहां उनके चेकअप्स किए गए, एमआरआई कराया गया जिसमें ब्रेन के पिछली तरफ बाएं हिस्से में ट्यूमर का पता चला. ये ट्यमूर एक संवेदनशील जगह था जिसके चलते ऑपरेशन चुनौतीपूर्ण था. सबसे बड़ी चुनौती ये थी कि सुनने की क्षमता पर असर न पड़े, साथ ही पैरालाइज्ड जैसे खतरों से भी बचा जा सके. तमाम प्रक्रिया पूरी होने के बाद सफल ऑपरेशन किया गया और ट्यमूर को निकाल दिया गया. जबकि ट्यूमर के बहुत छोटे फाइबर्स जो फेशियल नर्व में फंसे थे, उन्हें रेडिएशन थेरेपी की मदद से निकाला गया.  इसके बाद मरीज को ठीक से सुनाई भी देना शुरू हो गया. ये सब सफल हुआ, समय रहते डॉक्टरों के पास पहुंचने से. ऑपरेशन के बाद धर्मवती ने रिकवरी की और फिर से अपने काम में लग गईं.
डॉ. अमिताभ गोयल ने मेरठ के ही दूसरे मरीज अनुराग भारद्वाज के केस को भी विस्तार से बताया. उन्होंने कहा, ’’अनुराग को भी तेज सिरदर्द की समस्या रहती थी, जो आसानी से नहीं जाता था. अनुराग को मैक्स अस्पताल पटपड़गंज में हमारे पास लाया गया. अनुराग की गहन पड़ताल की गई, एमआरआई कराया गया, जिसमें अनुराग के पिटुअटरी ग्लैंड एरिया में ट्यूमर पाया गया. इस ट्यमूर को पिटुअटरी मैक्रो एडोनोमा भी कहते हैं और इसमें आंखों की नसें सिकुड़ जाती हैं. मरीज की ये हालत देखकर तुरंत सर्जरी का फैसला लिया गया ताकि इस युवा शख्स की आंखों पर होने पर असर को जल्द से जल्द से खत्म किया जा सके. अनुराग में हार्मोनल असंतुलन भी पाया गया, लिहाजा ऑपरेशन के लिए ले जाने से पहले इस कमी को भी पूरा किया गया. इसके बाद अनुराग की सफल सर्जरी की गई.
एंडोस्कोपिक ट्रांसनैसल ट्रांसफेनॉइडल सर्जरी ब्रेन ट्यमूर के हटाने की एक बहुत उन्नत तकनीक है, जिसमें सिर में बिना कोई कट लगाए ट्यमूर को हटाया जाता है. एंडोस्कोप में एक बहुत ही पतली ट्यूब की तरह का उपकरण कैमरे के साथ लगा होता है, जिससे दिमाग के अंदर की क्लियर तस्वीर मिल जाती है और बिना किसी नुकसान के ट्यूमर को निकाल दिया जाता है. यानी सही तकनीक और वक्त पर इलाज ब्रेन ट्यूमर से बचा सकता है. मेरठ के दोनों मरीज इसका बड़ा उदाहरण हैं. दोनों मरीजों की समय पर सर्जरी की गई, जिससे न सिर्फ लक्षण खत्म हो गए बल्कि ट्यमूर जानलेवा भी नहीं बन सका. हालांकि, कुछ मरीज या परजिन डर के चलते सर्जरी कराने से बचते हैं और पुराने तरीके से इलाज कराना सुरक्षित मानते हैं. इससे ये होता है कि कई बार मरीज की हालत और ज्यादा बिगड़ जाती है.
एडवांस मेथड से इलाज काफी कारगर है जो दिल्ली के पटपड़गंज स्थित मैक्स अस्पताल में उपलब्ध है. मेरठ और दिल्ली के बीच की दूरी अब मिनटों में सिमट गई है. लिहाजा, यहां के मरीज बहुत ही आसानी से पटपड़गंज मैक्स में जाकर डॉक्टरों को दिखा सकते हैं और ब्रेन ट्यूमर जैसी घातक बीमारी से खुद को बचा सकते हैं.

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