दस्तक अभियान में मिले तीन नए टीबी मरीज


बीमारी को छुपाए नहीं, तुरंत जांच कराएंः डॉ. लोकेश

 31 जुलाई तक चलेगा दस्तक अभियान


मुजफ्फरनगर, 25 जुलाई 2022। संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अंतर्गत चल रहे दस्तक अभियान में जिले में टीबी (क्षय) रोगियों की पहचान की जा रही है। जिले में 16 जुलाई से शुरू हुए दस्तक अभियान के तहत आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर क्षय रोगियों को चिन्हित कर रही हैं और विभाग को उनकी सूची सौंप रही हैं। यह अभियान 31 जुलाई तक चलेगा।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. लोकेश चंद गुप्ता ने बताया - जिले के सभी नौ ब्लॉक में दस्तक अभियान के तहत टीबी के मरीजों को खोजा जा रहा है। इस काम में स्वास्थ्य विभाग की 12 टीम जुटीं हैं। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी इसमें शामिल किया गया है। इन सभी को पूर्व में प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की टीम घर-घर जाकर टीबी के मरीजों के अलावा बुखार और कुपोषित बच्चों की सूची भी तैयार कर रही है। परिवार में यदि किसी को दो सप्ताह या उससे अधिक समय से खांसी आ रही है, बलगम में खून आ रहा है तो ऐसे संभावित मरीज के बलगम का सैंपल लेकर उसकी जांच कराई जा रही है और टीबी की पुष्टि होने पर क्षय रोग विभाग द्वारा उनका निःशुल्क उपचार भी कराया जाएगा। उन्होंने कहा यदि किसी व्यक्ति को टीबी जैसे लक्षण दिखे तो छुपाए नहीं तुरंत जांच कराएँ।

क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला समन्वयक सहबान उल हक ने बताया दस्तक में 98 संभावित मरीज खोजे गए हैं जिसकी जांच की जा रही है। 85 का बलगम टेस्ट किया गया जिसमें तीन लोगों में टीबी की पुष्टि हुई है। तीनों का इलाज शुरू कर दिया गया है। जनपद में वर्ष 2022 में 4257 मरीजों का इलाज चल रहा है।

यह हैं टीबी के लक्षण

जिला पीपीएम कॉऑर्डिनेटर प्रवीन कुमार ने बताया- यदि किसी को दो हफ्ते या उससे अधिक समय से लगातार खांसी हो, खांसी के साथ बलगम और बलगम के साथ खून आना, वजन का घटना व भूख कम लगना, लगातार बुखार रहना, सीने में दर्द होना टीबी रोग के लक्षण हैं। इन लक्षणों वाले लोग क्षय रोग केन्द्र पर टीबी की जांच अवश्य करवाएं। उन्होंने कहा साधारण टीबी का उपचार कम से कम छह माह तक लगातार चलता है। कोई भी मरीज बिना चिकित्सक की सलाह के दवा बीच में न छोड़े। दवा बीच में छोड़ने से टीबी बिगड़ जाती है।

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