सास-बेटा-बहू सम्मेलन के जरिये परिवार नियोजन की पहल

गांव दिनकरपुर में आयोजित कार्यक्रम में समझाए परिवार नियोजन के फायदे

मुजफ्फरनगर, 15 जुलाई 2022।

ब्लॉक शाहपुर के गांव दिनकरपुर में सास- बेटा- बहू सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसका शुभारंभ सीएचसी शाहपुर प्रभारी डॉ. नरेंद्र पाल सिंह व ग्राम प्रधान जॉनी ने किया। कार्यक्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) प्रभारी व ग्राम प्रधान का फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया। इस दौरान बीसीपीएम, बीपीएम, एआरओ, आशा, एएनए तथा लाभार्थी मौजूद रहे।

सीएचसी प्रभारी नरेंद्र पाल सिंह ने बताया बृहस्पतिवार को  सास- बेटा- बहू सम्मेलन में दंपति को परिवार नियोजन के बारे में जागरूक किया गया तथा 15 लाभार्थियों को शगुन किट भेंट की गयी। इस दौरान बैलून प्रतियोगिता के माध्यम से परिवार नियोजन का संदेश दिया गया और सास- बेटा- बहू सम्मेलन में बास्केट ऑफ च्वॉइस की जानकारी दी और बताया कि मातृ व शिशु मृत्यु दर में कमी लाने व और बेहतर मातृत्व स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि शादी के दो साल बाद ही पहले बच्चे के जन्म की योजना बनाई जाए और दूसरे बच्चे के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर जरूर रखा जाए। इसके लिए यह जानना जरूरी है कि किसको, कब और कौन सा साधन अपनाना श्रेयकर होगा।

एआरओ मुजम्मिल ने बताया - बास्केट ऑफ च्वॉइस में परिवार नियोजन के लिए नौ साधनों को शामिल किया गया है। इस बारे में उचित सलाह के लिए स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक, परिवार नियोजन काउंसलर, आशा कार्यकर्ता और एएनएम की मदद ली जा सकती है। उन्होंने कहा कि जिले की स्वास्थ्य इकाइयों पर परिवार नियोजन काउंसलर व कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) की मदद से बास्केट ऑफ च्वॉइस के बारे में लाभार्थी की स्थिति के अनुसार सही परामर्श दिया जाता है। परिवार नियोजन के साधनों को चुनते समय इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन पुरुषों को नसबंदी करानी चाहिए जो शादी-शुदा हों और जिनकी उम्र 60 वर्ष से कम हो। उनके पास कम से कम एक बच्चा होना चाहिए, जिसकी उम्र एक वर्ष से अधिक हो। पुरुष नसबंदी तभी करवानी चाहिए जब पत्नी ने नसबंदी न करवाई हो। पुरुष नसबंदी कभी भी करवाई जा सकती है।

ग्राम प्रधान जॉनी ने बताया - परिवार की सही देखभाल के लिए बच्चों में अंतर बेहद जरूरी है ताकि बच्चों की शिक्षा व स्वास्थ्य की  बेहतर व्यवस्था हो सके। दंपति को परिवार नियोजन के बारे में जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाया गया सास- बेटा- बहू  सम्मेलन बेहद कारगर साबित हो रहा है। लोग अब परिवार नियोजन की बात को गंभीरता से लेने लगे हैं।

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