सबके सुख को साकार करने वाली है प्राकृतिक खेतीः पीएम मोदी

 बोले- गांवों में देश में बदलाव लाने की क्षमता है
नई दिल्ली (एजेंसी)।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि प्राकृतिक खेती व्यक्तिगत लाभ के साथ ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ को भी साकार करती है। भारत के पास प्राकृतिक खेती का पुराना अनुभव रहा है और इस क्षेत्र में हम विश्व का नेतृत्व कर सकते हैं।
पीएम मोदी ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात में आयोजित प्राकृतिक कृषि सम्मेलन को संबोधित किया। सम्मेलन का आयोजन गुजरात के सूरत जिले में किया जा रहा है। इसमें हजारों ऐसे किसान और हितधारक शामिल हुए हैं जिन्होंने सूरत में प्राकृतिक खेती को अपनाया और सफलता हासिल की। सम्मेलन में गुजरात के राज्यपाल और मुख्यमंत्री शामिल हुए।
सम्मेलन में प्राकृतिक खेती के लाभ गिनाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे धरती माता की सेवा होती है। उसकी उत्पादकता की रक्षा होती है। इससे प्रकृति और पर्यावरण की सेवा होती है। इससे गौमाता की सेवा का सौभाग्य भी मिलता है। परंपरागत खेती को बढ़ावा देने के सरकारी प्रयासों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे जुड़ी कृषि विकास योजना और भारतीय कृषि पद्धति कार्यक्रमों के जरिए आज किसानों को संसाधन, सुविधा और सहयोग दिया जा रहा है। इस योजना के तहत देश में 30 हजार क्लस्टर्स बनाए गए हैं। लाखों किसानों को इसका लाभ मिल रहा है।
कृषि उन्नति को देश की समृद्धि से जोड़ते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा जीवन, हमारा स्वास्थ्य, हमारा समाज सबके आधार में हमारी कृषि व्यवस्था ही है। भारत तो स्वभाव और संस्कृति से कृषि आधारित देश ही रहा है। इसलिए, जैसे-जैसे हमारा किसान आगे बढ़ेगा, जैसे-जैसे हमारी कृषि उन्नत और समृद्ध होगी, वैसे-वैसे हमारा देश आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि हमारे गांवों में देश में बदलाव लाने की क्षमता है। डिजिटल इंडिया मिशन की असाधारण सफलता इसका जवाब है। हमारे गांवों ने दिखा दिया है कि गांव न केवल बदलाव ला सकते हैं, बल्कि बदलाव का नेतृत्व भी कर सकते हैं।
पीएम ने कहा कि कुछ महीने पहले गुजरात में प्राकृतिक कृषि के विषय पर नेशनल कॉन्क्लेव का आयोजन हुआ था। इस कॉन्क्लेव में पूरे देश के किसान जुड़े थे। आज एक बार फिर सूरत में यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम इस बात का प्रतीक है कि गुजरात किस तरह से देश के अमृत संकल्पों को गति दे रहा है।
उल्लेखनीय है कि आजादी का अमृत महोत्सव के तहत प्रधानमंत्री ने मार्च में गुजरात पंचायत महासम्मेलन में अपने संबोधन में प्रत्येक गांव के कम से कम 75 किसानों को खेती के प्राकृतिक तरीके अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया था। प्रधानमंत्री की इस परिकल्पना से प्रेरित, सूरत जिले ने किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने में मदद करने के उद्देश्य से विभिन्न हितधारकों और संस्थानों जैसे किसान समूहों, निर्वाचित प्रतिनिधियों, तलाथियों, कृषि उत्पाद विपणन समितियों (एपीएमसी), सहकारी समितियों, बैंकों आदि को संवेदनशील बनाने और प्रेरित करने के लिए ठोस पहल और समन्वित प्रयास किए।

भारत पर मां काली का आशीर्वादः पीएम मोदी

नई दिल्ली। देवी काली पर जारी पोस्टर विवाद के बीच पीएम मोदी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मां काली पूरे भारत की भक्ति का केंद्र हैं। उनका आशीर्वाद देश पर बना रहे। देश में मां काली के पोस्टर को लेकर चल रहे विवाद के बीच प्रधानमंत्री का यह पहला बयान है। दरअसल, पीएम मोदी रविवार को स्वामी आत्मस्थानंद के शताब्दी समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने मां काली को लेकर भी चर्चा की।
प्रधानमंत्री ने कहा, स्वामी रामकृष्ण परमहंस, एक ऐसे संत थे जिन्होंने मां काली का स्पष्ट साक्षात्कार किया था, जिन्होंने मां काली के चरणों में अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया था। वो कहते थे- ये सम्पूर्ण जगत, ये चर-अचर, सब कुछ मां की चेतना से व्याप्त है। पीएम ने कहा, यह चेतना बंगाल की काली पूजा में दिखती है। यही चेतना बंगाल और पूरे भारत की आस्था में दिखती है और जब आस्था इतनी पवित्र होती है तो शक्ति हमारा पथ प्रदर्शन करती है। उन्होंने कहा, मां काली का असीमित और असीम आशीर्वाद भारत के साथ है। भारत इसी आध्यात्मिक ऊर्जा को लेकर आज विश्व कल्याण की भावना से आगे बढ़ रहा है।

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