28 वा वर्षायोग चातुर्मास कलश स्थापना कार्यक्रम
सरधना (मेरठ) शनिवार को परम पूज्य आचार्य श्री 108 वसुनंदी जी महाराज के परम शिष्य क्षुल्लक श्री 105 विशंक सागर जी महाराज व क्षुल्लक श्री 105 भरत सागर जी महाराज का 28 वा चातुर्मास कलश स्थापना कार्यक्रम सरधना में अशोक की लाट के निकट ग्रीन फार्म में बड़े धूमधाम के साथ आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि पूर्व विधायक संगीत सोम व अवनीश जैन ने संयुक्त रूप से ध्वजारोहण करके किया। आचार्य श्री का चित्र अनावरण आदिश जैन दीप प्रज्वलन पंकज जैन ने महाराज श्री को शास्त्र भेंट आलोक जैन रामभूल जैन वस्त्र भेंट तरस चंद जैन प्रवीण कुमार जैन कुणाल जैन ने पात्र भेट राजकुमार जैन अरिहंत जैन अभिषेक जैन सार्थक जैन महाराज श्री का पाद प्रक्षालन राजीव जैन मामचंद जैन नमन जैन ने किया। बोली द्वारा कलश प्राप्त करने में प्रथम कलश रामभूल जैन विजय जैन सक्षम जैन द्वितीय कलश विनोद जैन आकाश जैन बिरलिया वाले व तृतीय कलश पंकज जैन नेताजी चतुर्थ कलश अशोक जैन मुलहेड़ा वालों ने प्राप्त किया। क्षुल्लक श्री 105 विशंक सागर जी महाराज ने उद्बोधन में कहां कि बरसात के दिनों में ज्यादा जीव उत्पन्न हो जाते हैं ज्यादा जीवो का धात न हो इसलिए बरसात के 4 महीनों में सभी साधु एक स्थान पर रहकर ही अपनी साधना व धर्म प्रभावना करने के साथ-साथ समाज के बच्चों सहित सभी वर्गों मैं धर्म प्रभावना का प्रसार करते हैं जिससे बच्चे धर्म के साथ-साथ संस्कारवान बने। - सा.जिग्नेश रत्ना श्री जी म.सा. सा. जिनेश रत्ना श्री जी, सा. साध्य रत्ना श्री जी म. सा. ने चातुर्मास क़े चार माह मे धर्म आराधना का महत्व बताया जिस प्रकार सभी मोती जब एक धागे मे पिरोये जाते है वह माला का रूप ले लेती है उसी प्रकार हम सभी अलग अलग है तो हमारा परन्तु जब धर्म रुपी धागे से बंध जाते है तो देव गुरु धर्म आज्ञा मे रहकर जीवन को सदगति क़े मार्ग पर ले जाते है.साध्वी श्रुत पूर्णा जी इष्ट प्रिया जी ने जैन धर्म की एकता पर बल दिया दिगम्बर,श्वेताम्बर, स्थानक या तेरापंथ ना होकर पहले हम जैन है महावीर प्रभु क़े बताये मार्ग पर चलना है इस अवसर पर पंकज जैन राजकुमार जैन राजीव जैन सौरभ जैन राकेश जैन आकाश जैन सागर जैन योगेश जैन लोकेश जैन आलोक जैन दीपक जैन राहुल जैन रिंकू जैन विकास जैन मामचंद जैन अरविंद जैन विजय जैन प्रदीप जैन मुकेश जैन आदिश जैन कमल जैन अशोक जैन आदि लोग उपस्थित रहे।
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