छोटे-छोटे उपाय दिलाएंगे मलेरिया से निजात 

मानसून में वेक्टर जनित रोगों से बचाव की करें तैयारी

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर दिया जाए विशेष ध्यान


मुजफ्फरनगर, 8 जून 2022। जनपद में मानसून में वेक्टर जनित रोगों से बचाव की तैयारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एम.एस फौजदार ने बताया जिले में संचारी रोगों तथा मच्छर जनित रोगों से बचाव एवं उपचार की पहले से ही तैयारी की जा रही है। विगत वर्षों में चिन्हित उच्च जोखिम वाले गांवों में स्वास्थ्य विभाग की टीम निरंतर निगरानी रखे हुए हैं। जन सामान्य को मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया इत्यादि रोगों से बचने के सामान्य उपाय बताए जा रहे हैं। उन्होंने कहा- डेंगू की रोकथाम बहुत ही आसान है, परंतु इसमें सामुदायिक सहयोग की अत्यंत आवश्यकता होती है। प्रत्येक परिवार अपने घर और आसपास स्वच्छता का ध्यान रखे तथा अनावश्यक जलभराव को समाप्त करें तो डेंगू एवं मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों का प्रजनन नियंत्रित हो सकता है। डेंगू का मच्छर कंटेनर ब्रीडर है अतः टूटे-फूटे प्लास्टिक के कप, बोतल, घड़े, कूलर, टायर इत्यादि का नियमित निरीक्षण करना चाहिए तथा इस प्रकार के सॉलि़ड वेस्ट का ऐसी जगह निस्तारण करना चाहिए। जहां बरसात का पानी न आता हो। सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट की डेंगू नियंत्रण में निर्णायक भूमिका हो सकती है।

जिला मलेरिया अधिकारी अलका सिंह ने बताया -मादा एडीज मच्छर के डेंगू वायरस से संक्रमित होने पर उसका अंडा भी संक्रमित होता है एडीज मच्छर का अंडा लगभग डेढ़ साल तक निष्क्रिय जीवित रह सकता है। अनुकूल परिस्थितियां मिलते ही यह तुरंत यह लारवा में परिवर्तित हो जाता है। अतः जन सामान्य से यह अपील की जाती है कि वह कूलर, ड्रम इत्यादि को सप्ताह में एक बार अच्छी प्रकार से रगड़ कर प्लास्टिक या लोहे के ब्रश से साफ कर धूप में सुखाकर इस्तेमाल करें. जिससे सतह पर चिपके हुए मच्छरों के अंडे नष्ट हो जाएं।

 उन्होंने बताया प्रशासन भी मच्छर जनित रोगों से बचाव के प्रति पूरी तरह सजग है। जिला प्रशासन द्वारा मच्छर प्रजनन परिस्थितियों के नियंत्रण को प्रभावी बनाने के लिए आर्थिक दंड का विधान संबंधी एक अधिसूचना भी जारी की गई है। मच्छर जनित परिस्थितियों को उत्पन्न करने के उत्तरदायी कारकों को नोटिस जारी किया जाएगा तथा नोटिस जारी होने के 24 घंटे के अतंराल के उपरांत यदि इन परिस्थितियों को समाप्त नहीं किया गया तो संबंधित व्यक्तियों, गैर सरकारी, निजी प्रतिष्ठानों या संस्थाओं के अध्यक्ष या गृह स्वामियों से सेवा शुल्क सहित लागत की वसूली की जाएगी। यह राशि राजकीय कोष में जमा करायी जायेगी। इस संबंध में बाइलॉज बनाने के लिए स्थानीय निकायों को निर्देशित किया गया है।

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