तिंगई गांव में सास-बेटा-बहू सम्मेलन में दी ‘बास्केट ऑफ च्वॉइस’ के बारे में जानकारी

परिवार नियोजन के मनपसंद साधन चुनने को विभाग ने दी सुविधाः डॉ. दिव्या

मुजफ्फरनगर, 24 जून 2022। खतौली ब्लॉक के तिंगई गांव में शुक्रवार को सास- बेटा- बहू सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें दम्पति को परिवार नियोजन के लिए ‘बास्केट ऑफ च्वॉइस’ के बारे में जानकारी दी गयी। 

कार्यक्रम में जिला परिवार कल्याण स्पेशलिस्ट खालिद हुसैन ने बताया - मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के और बेहतर मातृत्व स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि शादी के दो साल बाद ही पहले बच्चे के जन्म की योजना बनाई जाए और दूसरे बच्चे के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर जरूर रखा जाए। उन्होंने कहा- इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने बहुत कारगर और सुरक्षित साधनों से युक्त ‘बास्केट ऑफ च्वॉइस’ मुहैया करा रखी है। इसके लिए यह जानना जरूरी है कि किसको, कब और कौन सा साधन अपनाना श्रेयकर होगा।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व परिवार नियोजन की नोडल अधिकारी डॉ. दिव्या वर्मा ने बताया -’बास्केट ऑफ च्वॉइस’ में परिवार नियोजन के लिए नौ साधनों को शामिल किया गया है। इस बारे में उचित सलाह के लिए स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक, परिवार नियोजन काउंसलर, आशा कार्यकर्ता और एएनएम की मदद ली जा सकती है। उन्होंने कहा - जिले की स्वास्थ्य इकाइयों पर परिवार नियोजन काउंसलर व कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) की मदद से ‘बास्केट ऑफ च्वॉइस’ के बारे में लाभार्थी की स्थिति के अनुसार सही परामर्श दिया जाता है। पुरुष और महिला नसबंदी, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी, त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन, माला एन, कंडोम, छाया और ईसीपी की गोलियां ‘बास्केट ऑफ च्वॉइस’ का हिस्सा है। हर माह को आयोजित होने वाले कार्यक्रम जैसे खुशहाल परिवार दिवस, अंतराल दिवस और प्रत्येक माह की नौ तारीख को आयोजित होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर इस बारे में जानकारी लाभार्थी को दी जाती है। कार्यक्रम में आशा-एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व लाभार्थी मौजूद रहे।

जिला परिवार कल्याण प्रबंधक डॉ. दिव्यांक दत्त ने बताया कि परिवार नियोजन के साधनों को चुनते समय इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

     उन पुरुषों को नसबंदी करानी चाहिए जो शादी-शुदा हों और जिनकी उम्र 60 वर्ष से कम हो। उनके पास कम से कम एक बच्चा होना चाहिए जिसकी उम्र एक वर्ष से अधिक हो। पुरुष नसबंदी तभी करवानी चाहिए जब पत्नी ने नसबंदी न करवाई हो। पुरुष नसबंदी कभी भी करवाई जा सकती है।

   महिला नसबंदी प्रसव के सात दिन के भीतर, माहवारी शुरू होने के सात दिन के भीतर और गर्भपात होने के तुरंत बाद या आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी त्रैमासिक सात दिन के अंदर करवाई जा सकती है। वह महिलाएं इस साधन को अपना सकती है जिनकी उम्र 22 वर्ष से अधिक और 49 वर्ष से कम हो। दम्पति के पास कम से कम एक बच्चा हो जिसकी उम्र एक वर्ष से अधिक हो। पति ने पहले नसबंदी न करवाई हो और सुनिश्चित कर लें कि महिला गर्भवती न हो और प्रजनन तंत्र में संक्रमण न हो।

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