शोषण के विरोध में 14 जिलों के किसानों ने ऊर्जा भवन पर दिया धरना

मेरठ। ट्यूबवेलों पर बिजली मीटर लगाकर किसानों का शोषण कर रही सरकार के खिलाफ किसानों का गुसा फूटा। मेरठ के ऊर्जा भवन में शनिवार को वेस्ट यूपी के 14 जिलों के किसानों ने पहुंचकर सरकार के खिलाफ धरना दिया। किसानों ने कहा अपने वादे से मुकरी सरकार किसानों का हित नहीं कर सकती, तो उन्हें मौत दे दे। किसान बिजली के बिल तो चुका नहीं सकता, मौत से उसे चैन मिलेगा।

किसानों की शिकायत है कि उन्होंने सरकार के साथ ईमानदारी निभाई वोट दिया, लेकिन सरकार ने उनके साथ छल किया है। 

बिजली बिलों और ट्यूबवेल पर मीटर लगाने की सरकार की गलत नीति के खिलाफ किसानों की पंचायत हुई। मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बागपत, बिजनौर, हापुड़, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, शामली, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर सहित वेस्ट यूपी के किसान मेरठ ऊर्जा भवन पहुंचे। यहां बढ़े बिजली बिलों के खिलाफ किसानों ने धरना दिया। किसानों ने कहा सरकार ने 2022 के चुनाव में किसानों से फ्री बिजली देने का वादा किया था। आज सरकार अपने उस चुनावी वादे से मुकर चुकी है। साथ ही किसानों के घरों में छापेमारी कराई जा रही है।

किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर पूरण सिंह ने कहा कि इस सरकार ने 2014 में भी किसानों को फ्री बिजली का वादा करके छला और वोट दिया। वही छल दोबारा किसान के साथ हुआ। 2022 चुनाव में सरकार ने हमसे जीतने के बाद फ्री बिजली देने का वादा किया था। बिजली फ्री हुई नहीं, बिल भी माफ नहीं हुए बल्कि सरकार ने ट्यूबवेलों पर मीटर और लगवा दिए। पुलिस किसानो ंके घर पर जाके छापेमारी कर रही है। आज किसान दहशत में है, बिजली बिल भरते भरते कई किसानों की मौत हो गई। जब तक बिजली फ्री नहीं होगी अन्नदाता सड़कों पर ही रहेगा।

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