किसानों का दर्द समझते है प्रदेश के सीएम - गन्ना मंत्री
सीसीएस के सुभाष प्रेक्षागृह में किसानों को किया संबोधितमेरठ। प्रदेश सरकार के कैबिनेट गन्ना मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण सिंह योगी सरकार में मंत्री बनने के बाद पहली बार शनिवार को मेरठ पहुंचे। सीसीएस के सुभाष चंद बोस प्रेक्षागृह में उन्होंने किसान सम्मेलन को संबोधित करते किसानों से भरे हुए प्रेक्षागृह में चीनी मिल गन्ना भुगतान व जाट आरक्षण संघर्ष का जिक्र करते कहा प्रदेश के सीएम किसानों का दर्द समझते है।
उन्होंने कहा कि ऐसे विभाग के मंत्री के रूप में आने का मौका मिला है जो एक.एक परिवार से जुड़ा है। 1999 में जब जाट आरक्षण की लडाई लड रहे थे, तब जो आपका योगदान मिला, वह सराहनीय रहा। मेहनत और आशीर्वाद आपका था, श्रेय मुझे मिल गया। ये सब आपकी बदौलत है। मुझे मेरठ से प्यार बहुत मिला। छह बार कैबिनेट में छाता की वजह से ही चुना जाता, वहां से विधायक जरूर बन जाता हूं, लेकिन मंत्री आपकी बदौलत बनता हूं। किसी को गलतफहमी हो वह बलिया से चुनाव लड़कर देख ले। मेरठ की भूमि को हमेशा मंदिर की तरह माना है। मुजफ्फरनगर से गाजियाबाद तक इसी मंदिर के पुजारी के तरह पूजा करता हूं। किसान को आदर्श मानता हूं। मैंने अपनी गाय भैंस को सानी की है।
उन्होंने कहा मेरठ के खेल की कीमत पिछली सरकारों ने कभी नहीं जानी। इसकी कीमत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जानी है। तभी तो प्रदेश की पहली खेल यूनिवर्सिटी मेरठ को मिली है। जो सम्मान मंगल पांडेय समेत अन्य बलिदानियों का होता है, वही सम्मान धन सिंह कोतवाल को योगी सरकार में मिल रहा है।
चौधरी चरण सिंह को याद करते हुए कहा कि उन्होंने जब मुझे पढते हुए देखा तो मंडी परिषद का चेयरमैन बना दिया। 1985 में जिसे टिकट मिला, उन्होने पर्चा दाखिल नहीं किया। चौधरी चरण सिंह की केवल एक लाइन ने जीवनधारा ही बदल दी। उन्होंने किसानों के कार्यक्रम में कहा था कि किसानों तुम्हारे लिए एक पौधा लगा रहा हूं। इसे इसे सींचते रहना, यह फल भी पौधा देगा और छाया भी। चौधरी चरण सिंह के इन्हीं सिद्धांतों को लेकर आगे बढ़ना है।
चौधरी चरण सिंह के बाद किसी ने किसानों का दर्द महसूस किया तो वह योगी आदित्यनाथ हैं। उन्होंने मांग रखी थी कि किसानों का 36 हजार करोड़ माफ कर दिया जाए।
चीनी मिलों पर बोलते हुए उन्होंने कहा यदि 15 अक्टूबर से चीनी मिलें संचालित करें तो रिकवरी अच्छी होगी। जो फैक्ट्री पुराने हैं उनका एक्सटेंशन किया जाए या टीसीडी क्षमता बढाई जाए तो 30 अप्रैल तक पूरा गन्ना पेराई हो जाएगा। जो भी सुधार के प्रयास हो सकेंगे वह करेंगे। अब माध्यमिक स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा पर बेहतर बनाने का प्रयास है।
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