अधिवक्ता को निष्पक्षता एवं आत्मविश्वास के साथ काम करना चाहिए - सुधीर अग्रवाल, भूतपूर्व न्यायाधीश इलाहाबाद हाईकोर्ट


मेरठ।
 स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के सरदार पटेल सुभारती लॉ कॉलिज एवं इन्टीग्रेटेड स्कूल ऑफ लॉ गाजियाबाद के संयुक्त तत्वावधान में इन्मैनटेक संस्थान गाजियाबाद में चल रही द्वितीय राष्ट्रीय दो दिवसीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता का समापन हो गया। मूट कोर्ट में अधिवक्ता के रूप में कार्य करने पर सभी विधि के विद्यार्थी उत्साहित नजर आए।
 
दूसरे दिन के मुख्य अतिथि इलाहाबाद हाई कोर्ट के भूतपूर्व न्यायाधीश श्री सुधीर अग्रवाल, विशिष्ट अतिथि इलाहाबाद हाई कोर्ट के भूतपूर्व न्यायाधीश श्री राजेश चन्द्रा, सेशन कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश श्री एन.के. बहल, सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डा. जी.के.थपलियाल, सुभारती लॉ कॉलिज के डीन डा. वैभव गोयल भारतीय, इन्मैनटेक संस्थान के चैयरमेन श्री के.सी. गुप्ता, इन्मैनटेक संस्थान के कार्यकारी निदेशक डा. पंकज गुप्ता, इन्मैनटेक के शैक्षिणक निदेशक डा. के.के मिततल एवं इन्टीग्रेटेड स्कूल ऑफ लॉ के प्राचार्य डा. पुष्पराज सिंह ने मॉ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर किया।  

मुख्य अतिथि इलाहाबाद हाई कोर्ट के भूतपूर्व न्यायाधीश श्री सुधीर अग्रवाल ने कहा कि मूट कोर्ट प्रतियोगिता से विधि के विद्यार्थियों में उत्साह वर्धन होता है। उन्होंने कहा कि विधि के विद्यार्थियों को इस प्रकार की प्रतियोगिता में सीखने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि एक अधिवक्ता को निष्पक्षता के साथ तथ्यों को समझना चाहिए और समाज में न्याय स्थापित करने की पैरवी करनी चाहिए। उन्होंने न्यायाधीश के रूप में अपने अनुभव साझा करते हुए विभिन्न केस के बारे में भी सभी को रूबरू कराते हुए सभी विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य हेतु अपनी शुभकामनाएं दी।

विशिष्ट अतिथि इलाहाबाद हाई कोर्ट के भूतपूर्व न्यायाधीश श्री राजेश चन्द्रा ने कहा कि न्याय को सर्वसुलभ बनाना अधिवक्ता का दायित्व है। उन्होंने कहा कि मूट कोर्ट के माध्यम से विधि के विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ता है और न्यायिक प्रक्रिया को समझने में महत्वपूर्ण मदद मिलती है। उन्होंने राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर रहे सभी विद्यार्थियों को न्याय के क्षेत्र में उत्कृृष्ट कार्य करने हेतु अपनी मंगलकामनाएं दी।

सेशन कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश श्री एन.के. बहल ने विद्यार्थियों को न्यायालय में केस दायर करने की प्रक्रिया सहित सफल अधिवक्ता बनने के गुणों से रूबरू कराया।
 
सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डा. जी.के. थपलियाल ने देशभर के विभिन्न लॉ संस्थानों से आए प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि मूट कोर्ट प्रतियोगिता के माध्यम से सभी विद्यार्थियों की प्रतिभा में निखार आता है और न्याय की बारीकियों को सीखने में मदद मिलती है। उन्होंने बताया कि सुभारती विश्वविद्यालय समाज में संविधान के मूल्यों को स्थापित करने की दिशा में प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है। जिसमें सुभारती लॉ कॉलिज द्वारा विधि के विद्यार्थियों को न्यायपालिका को सशक्त बनाने हेतु प्रेरित किया जा रहा है।

धन्यवाद ज्ञापित सुभारती लॉ कॉलिज के डीन प्रो. डा. वैभव गोयल भारतीय ने किया। उन्होंने कहा कि विधि के विद्यार्थियों जिस प्रकार दो दिवसीय द्वितीय राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया है, इससे यह ज्ञात होता है कि देश की युवा पीढ़ी न्याय एवं संविधान के मूल्यों को आत्मसात करते हुए न्याय के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करना चाहती है। उन्होंने केन्द्रीय विश्वविद्यालय कश्मीर, गुरू घासीदास विश्वविद्यालय  बिलासपुर छत्तीसगढ़, सिम्बोसिस लॉ कॉलिज पुणे सहित कर्नाटक, तमिलनाडू, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कश्मीर, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड आदि राज्यों के 38 विधि संस्थानों के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।  

मूट कोर्ट प्रतियोगिता की संयोजिका आफरीन अलमास ने बताया कि बेस्ट रिसर्चर आईआईएमटी ग्रेटर नोएडा के मिहिर कुमार बने। बेस्ट मैमोरियल सिम्बोसिस लॉ कॉलिज पुणे से अंकिता, कालिता, वेदांत, दिव्यांशु रहे। बेस्ट मूटर देहरादून लॉ कॉलिज से दृष्टि गर्ग बनी। रनरअप आईएमएस लॉ कॉलिज नोएडा से अनामिका ठाकुर, इश्किा त्यागी, आर्यन गुप्ता रहे। विजेता डा. पंजाबराव देशमुख लॉ कॉलिज अम्रावती से समीर, हलीना, पीयुष रहे।

इस अवसर पर आफरीन अलमास, एना सिसौदिया, नितिन ढिल्लन, अंजुम, अमन बंसल, ऋषभ, सृष्टि भारद्वाज, शिवानी, संजय जुगरान, शुभम पांडे आदि सहित आयोजन समिति के सभी सदस्यों का सहयोग रहा।

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