राजद्रोह कानून पर पुनर्विचार कर रही है केंद्र सरकार


 सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया दूसरा हलफनामा

नई दिल्ली (एजेंसी)। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने राजद्रोह कानून के प्रावधानों की फिर से जांच करने और पुनर्विचार का फैसला किया है और अनुरोध किया है कि जब तक सरकार इस मामले की जांच नहीं कर लेती, तब तक वह राजद्रोह के मामले पर सुनवाई नहीं करे।
केंद्र सरकार राजद्रोह कानून की समीक्षा करेगा। इसे लेकर केंद्र ने दूसरा हलफनामा दाखिल किया है। इसमें कहा गया है कि 124ए के प्रावधानों पर पुनर्विचार और दोबारा जांच के लिए केंद्र सरकार तैयार है। कोर्ट को 124ए की वैधता पर सुनवाई के साथ आगे बढ़ने से पहले केंद्र के पुनर्विचार की प्रतीक्षा करनी चाहिए।
इस मामले पर गृह मंत्रालय (एमएचए) ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बार-बार कहा है कि भारत की ताकत में से एक विविध विचार धाराएं हैं जो देश में खूबसूरती से पनपती हैं। मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री का मानना है कि ऐसे समय में जब राष्ट्र 'आजादी का अमृत महोत्सव' (स्वतंत्रता के 75 वर्ष) को मना रहा है। एक राष्ट्र के रूप में औपनिवेशिक बोझ को दूर करने के लिए कड़ी मेहनत करना आवश्यक है, जिसमें पुराने औपनिवेशिक कानून और प्रथाएं शामिल हैं।
गृह मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने 2014-15 से 1,500 पुराने कानूनों को खत्म कर दिया है, और 25,000 से अधिक अनुपालन बोझ को भी समाप्त कर दिया है, जो लोगों के लिए अनावश्यक बाधाएं पैदा कर रहे थे।

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