आईआईएमटी विश्वविद्यालय में अन्तर्राष्ट्रीय मैनेजमेंट कांफ्रेंस का आयोजन

मेरठ। आज आईआईएमटी विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ कामर्स एण्ड मैनेजमेंट के तत्वाधान में अन्तर्राष्ट्रीय मैनेजमेंट कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। कांफ्रेंस का विषय ‘‘इण्टरडिसिपलीनेरी आस्पेक्ट्स ऑफ बिजनेस एण्ड मैंनेजमैंट’’ रहा।
अन्तर्राष्ट्रीय कांफ्रेस के स्वागत भाषण में संकायध्यक्ष डाॅ0 सतीश कुमार सिंह ने विषय की व्याख्या करते हुए बताया कि मैनेजमैंट एक बहुविषयक डोमेन हैं। मैनेजमेंट का बहुविषयक होना जगत हेतु इनोवेशन के लिए एक उत्प्रेरक का काम करता है। उन्होंने आगे बताया कि भारत में कुल इनोवेशन स्टार्ट-अपस का 66 प्रतिशत यूनीकार्न बन गये हैं जो कि देश के लिए एक गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि विश्व तेजी से बदल रहा है। इकोनाॅमिक ग्रांथ सिनेरियो, पश्चिम से पूरब की तरफ शिफ्ट हो रहा है यह महत्वपूर्ण है कि किस प्रकार मैनेजमेंट का इण्टरडिसिपलीनेरी स्वभाव रियल लाइफ प्रोब्लेम को दूर करने में सहायक है। उन्होंने कहा कि यह अप्रोच बिजनिस वल्र्ड की समस्याओं को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण है। बिजनिस वल्र्ड कम्पीटीशन एवं अनिश्चितओं से भरा है जो की सदैव परिवर्तनशील है।

 

विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर सुश्री डाॅ0 दीपा शर्मा ने कांफ्रेस को संबोधित करते हुए अपने विचार प्रस्तुत किये कि इस प्रकार के आयोजन किसी भी विश्वविद्यालय को शिक्षा के उच्चतम शिखर पर ले जाने में मददगार है। कांफ्रेस के की नोट स्पीकर डाॅ0 पूरन चंद पाण्डेय जो कि सैण्ट्रल यूरोपियन यूनिवर्सिटी आॅस्ट्रेलिया से सम्बद्य हैं, ने अपने उद्बोद्यन में कहा कि पूरे विश्व के इकोनाॅमी कोविड पेन्डेमिक के बाद एक अलग तरह से प्रकट हो रही है। उद्योग जगत के कम्पनियों के प्रोफिट नेगेटिव में हैं। सरकारें पूरी तरह से टैक्स का कलैक्शन नहीं कर पा रही हैं क्योंकि उद्योग जगत का प्रोडक्शन कम हो रहा है इसलिए सरकारों भी कम टैक्स जमा कर पा रहीं हैं। एशिया एवं अफ्रीका महाद्वीप में साढे़ सात बिलियन जनसंख्या निवास करती है परंतु यहां के देश ही गरीबी, सपलाई चैन डिस्ट्रीब्यूशन मंदी आर्थिक विकास दर से परेशान है। तनख्वायें कम होने से उपभोक्ता की परचेसिंग पावर भी कम है। 
पी0एच0डी0 चैम्बर आॅफ कामर्स के अस्सिटेंट सेक्रेटरी जनरल डाॅ0 जीतंदर सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि यह समय ‘‘डेटा ड्रिवन लीडरशिप का है। डेटा वाॅल्यूम, बिग डेटा कैपेबिलिटी, बी टू बी एवं बी टू सी दोनों प्रकार की बिजनेस पै्रक्टिस के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि उद्योग जगत का डेटा ड्रिवन कल्चर, डिसीजन मेकिंग में अति सहायक सिद्ध होता है। दो दिवसिए कार्यशाला का समापन के अवसर पर एम0डी0आई0 गुड़गावाँ की डाॅ0 कीर्ति शर्मा ने अन्तर्राष्ट्रीय कांफ्रेस में बताया कि आधुनिक संसार में बिजनिस हर एक क्षेत्र को प्रभावित करता है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यह युग अलग-अलग क्षेत्रों में स्किल्स डवलैपमेंट का है जहां पर उद्योग जगत एवं विश्व इकोनाॅमी में मल्टीडिसीपीलिनेरी अॅप्रोच काम करती है। उन्होंने बताया कि ‘‘इण्टरचेंजेबल एक्परटाइज’’ के द्वारा उद्योगों का सरवाइवल संभव है। विश्वविद्यालय के प्रो0 बाइस चांसलर, एकेडेमिक्स डाॅ0 सतीश कुमार बंसल ने समापन भाषण में कहा कि आज के वर्तमान समय की चुनोतियों का सामना करने हेतु मल्टीडिसीपीलिनेरी प्रैकट्सििस अति आवश्यक है चूंकि पूरे विश्व की इकोनाॅमी पर पोस्ट कोविड सिनेरियो का अत्यधिक दबाव है। विश्व स्तर पर सभी देशों एवं इकोनाॅमी को अच्छा करने के लिए हमें इस अॅप्रोच को प्रयोग में लाना ही होगा तभी आती हुई मंदी का सामना किया जा सकता है। उन्होंने विस्तार से बताते हुए कहा कि हमें बिजनिस ज्ञान को  पुर्नमाषित करने की महती आवश्यकता है। इसका प्रभाव ना केवल उद्योग धंधों पर, विश्व की अर्थवयवस्था पर अपितु रोजगार क्रियेशन पर भी पड़ता है। इस अॅप्रोच के व्यक्ति, संस्थान एवं स्थान अर्थात देशकात भी महत्वपूर्ण है। शिक्षा संस्थान भी इस दिशा में कार्य कर सकते हैं। जिससेे कि आने वाली व्यवसायिक चुनोतियों के लिए छात्र तैयार हो सके एवं शिक्षकों के पढ़ाने हेतु एक उन्नत करीकयुलम एवं पाठ्यक्रम तैयार हो जिसमे रिसर्च का भी महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। 
कार्यक्रम के संयोजक डीन डाॅ0 सतीश कुमार सिंह, को सह संयोजक एम0बी0ए0 विभागाध्यक्ष डाॅ0 आफताब अहमद, बी0बी0ए0 विभागाध्यक्ष श्री वासिक इकबाल एवं वाणिज्य विभागाध्यक्ष श्री पुनीत कुमार रहे। कार्यक्रम की आग्रेनाइजिंग सेक्रेटरी डाॅ0 निकिता सिंद्यल रहीं। डाॅ0 पूजा शर्मा, ब्रजेश कुमार, डाॅ0 मोहम्मद काशिफ, डाॅ0 नीरज गुप्ता, संतराम सिंह आदि का सहयोग रहा।
विभागध्यक्ष आफताब अहमद एवं संकाय अध्यक्ष डाॅ0 सतीश कुमार सिंह ने छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना की।

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