सेवा भारती ने मनाई बुद्ध जयंती

भगवान बुध की प्रतिमाएं यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट की सूची में शामिल

 

मेरठ। सेवा भारती मेरठ महानगर ने  भगवान बुद्ध जयंती का पर्व पंचायत भवन मुरलीपुर गढ़ रोड मेरठ में धूमधाम से मनाया। कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता एवं भगवान बुद्ध के चित्रों के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं पुष्प अर्पित कर  की गई।  कार्यक्रम के अध्यक्ष नरेश प्रजापति, ग्राम प्रधान मुरलीपुर, गढ़ रोड मेरठ, मुख्य वक्ता अजय मित्तल,  शोध समन्वयक, प्रज्ञा प्रवाह, मेरठ प्रांत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, मुख्य अतिथि माननीय हरिकांत अहलूवालिया , पूर्व मेयर मेरठ महानगर  एवं  मुख्य अतिथि डॉ चरण सिंह  लिसाड़ी भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य उ. प्र, सहित गांव के अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम के संयोजक डॉ मनोज जाटव मीडिया प्रभारी  सेवा भारती मेरठ महानगर रहे। संचालन श्री छविंद्र सैनी अध्यक्ष  सेवा भारती मेरठ महानगर जी ने किया।

 मुरलीपुर गांव में डॉक्टर मनोज जाटव की पत्नी मंजू जाटव सेवा भारती मेरठ महानगर के सावित्रीबाई फुले सिलाई केंद्र की संचालिका है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मेयर हरिकांत अहलूवालिया ने कहा आज के दिन ही भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था आज के दिन ही बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा बुद्ध को बौद्ध गया में जन्म के 35 वर्ष बाद ज्ञान प्राप्त हुआ था तथा आज के दिन ही भगवान बुद्ध को कुशीनगर में मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। मुख्य अतिथि चरण सिंह लिसाड़ी ने कहा कि भगवान बुद्ध क़ो बोधगया में बोधि वृक्ष के नीच ज्ञान की प्राप्ति हुई और सिद्धार्थ गौतम बुध भगवान बन गए। बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति वैशाख मास की पूर्णिमा  क़ो हुई थी इसलिए प्रत्येक वर्ष उनके अनुयाई वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं उन्होंने कहा विश्व भर में ऐसे कई संयुक्त मंदिर है जो भगवान बुद्ध और  भगवान  विष्णु को समर्पित हैं।  भगवान बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था उनका जन्म एक राज परिवारमें लुम्बिनी नामक स्थान पर हुआ था।   हम सब अपने भगवान  जैसे बुध भगवान, हनुमान जी, भगवान कृष्ण, के जन्मदिन तो हिंदू पंचांग के अनुसार बनाते हैं, शादिया भी हिंदू पंचांग के अनुसार ही करते हैं परंतु अपनों  बच्चों के जन्मदिन   तथा अपने जन्मदिन एवं अपनी शादी की सालगिरह तथा बच्चों की शादी सालगिरह, तथा नव वर्ष को अंग्रेजी काल गणना के अनुसार क्यों मनाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि अफगानिस्तान  के तालिबानी आतंकवादियों द्वारा बमियाना में  मशहूर बुद्ध प्रतिमा में विस्फोट लगाकर तोड़ना हम हिंदुस्तानियों को आज भी याद है। पाकिस्तान के एक शहर खैबर पख्तूनख्वा  भगवान बुद्ध की प्राचीन प्रतिमा गैर इस्लामिक बताते हुए तोड़ दी गई थी। मुख्य वक्ता अजय जी मित्तल ने  कहा बुद्ध जयंती  हमारे देश के साथ-साथ बहुत सारे देशों में भी मनाई जाती है दुनिया भर के हर इलाके में खुदाई में भगवान बुद्ध की प्रतिमाएं निकलती है। दुनिया में सर्वाधिक प्रतिमाओं का रिकॉर्ड  भगवान बुद्ध के नाम ही है। भगवान बुध की कुछ प्रतिमाएं ऐसी भी है  जिन्हे यूनेस्को  वर्ल्ड हेरिटेज साइट की सूची तक में जगह मिली है बुद्ध परस्ती शब्द की उत्पत्ति बुद्ध शब्द से हुई है। बुद्ध के ध्यान और ज्ञान पर  बहुत से देशों में रिसर्च जारी है। दुनिया में  सर्वाधिक प्रवचन भगवान बुद्ध के ही रहे हैं सैकड़ों ग्रंथ भगवान बुद्ध के  प्रवचनों से भरे पड़े हैं। कार्यक्रम के अध्यक्ष रमेश प्रजापति ने कहा भगवान बुद्ध ने बहुत लंबे समय तक तपस्या की उनके बताए हुए अच्छे विचारों को यदि हम सब ग्रहण करते हैं तो हमारे जीवन और हमारे देश दोनों के लिए यह लाभकारी रहेगा अच्छे विचारों के नागरिकों की वजह से हमारा देश तरक्की करेगा और हमारा  भारत देश विश्व गुरु बनेगां सेवा भारती परिचय  सेवा भारती महानगर उपाध्यक्ष विपुल सिंघल ने दिया। विपुल सिंघल  ने बताया कि कार्यक्रम में मुरलीपुर गांव की बहनो की भागीदारी बहुत अधिक संख्या में रहीं। कार्यक्रम में सुंदरलाल, जितेंद्र चंडालिया, डॉ मनोज जाटव,वरुण अग्रवाल,मुकेश सैनी, नवीन छान अग्रवाल,अशोक अग्रवाल, नीरज शर्मा, पूजेश लोहरे, दीपक सूद, विपुल सिंगल, योगेंद्र जी, सौरभ अग्रवाल, अमित जैन, राधेश्याम, सुनील कक्कड़, सतीश भारती, आदि उपस्थित रहे।

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