तिब्बत की मुक्ति हमारी सुरक्षा की गारंटी: प्रो. पीडी जुयाल


मेरठ। भारत तिब्बत समन्वय संघ (बीटीएसएस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. पीडी जुयाल ने कहा कि चीन के चंगुल से तिब्बत की मुक्ति भारत की सुरक्षा की गारंटी है। तिब्बत एक बफर जोन के रूप में कार्य कर सकता है, जो प्राकृतिक स्रोतों का खजाना है। उन्होंने कहा कि तिब्बती लोगों को भारत में दोहरी नागरिकता मिलनी चाहिए।
बीटीएसएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. पीडी जुयाल मोदीपुरम स्थित कृषि विवि के गेस्ट हाउस में पत्रकार वार्ता में कहा कि चीन द्वारा 1962 में कब्जाई जमीन को मुक्त कराने के लिए उनका संगठन जन आंदोलन करेगा। चीन द्वारा कब्जाई गई भूमि को मुक्त कराने के लिए 1962 में भारतीय संसद ने जो प्रस्ताव पारित किया था, आज संसद उसे भूल चुकी है। उसी प्रस्ताव को याद कराने और चीन से अपनी भूमि को मुक्त कराने के लिए भारत तिब्बत समन्वय संघ देश भर में व्यापक आंदोलन छेड़ेगा।
बीटीएसएस के राष्ट्रीय महामंत्री विजय मान और राष्ट्रीय मंत्री नरेंद्र चौहान ने कहा कि तिब्बत में खनिज पदार्थों और औषधीय पौधों का खजाना है। उसका संरक्षण करना चाहिए। भारत इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
बीटीएसएस के मेरठ प्रांत महामंत्री डॉ. कुलदीप त्यागी और शोध एवं विकास प्रभाग के मेरठ प्रांत संयोजक पुष्पेंद्र कुमार ने कहा कि तिब्बत में चीन मानवाधिकारों का हनन कर रहा है। उसकी पॉलिसी तिब्बितयों को सांस्कृतिक रूप से नष्ट करने का है। पंचेन लामा को चीन ने छुपा रखा है। अभिव्यक्ति की आजादी तिब्बत में नहीं है।

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