जब तक बहुत जरूरी काम न हो धूम में निकलने से बचे
पर्यावरण एवं स्वच्छता क्लब त्वचा की देखभाल पर वेबीनार का आयोजन
मेरठ। पर्यावरण एवं स्वच्छता क्लब द्वारा ष्गर्मी के मौसम में किस प्रकार त्वचा की देखभाल विषय पर वेबनार का आयोजन किया गया। पर्यावरण एवं स्वछता क्लब के निदेशक आयुष व पीयूष गोयल ने इस गर्मी के मौसम में लोगों को राहत प्रदान करने के लिए इस गंभीर विषय को चर्चा के लिए रखा। वेबिनार का संचालन विपुल सिंघल ने किया व मुख्य वक्ता के तौर पर डॉक्टर शिशिर गुप्ता सीनियर डर्मेटोलॉजिस्ट मौजूद रहे।
डॉ शिशिर गुप्ता ने कहा कि ज्यादा गर्मी के मौसम में प्रयास कर जब तक बहुत जरूरी ना हो धूप में ना निकलें। सुबह 10 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक की धूप सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है, यह ऐसा समय है जिसमें सभी प्रकार के नुकसान देने वाली अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन धूप में मौजूद होती है। इस समय में ठंड में रहने की कोशिश करें। गर्मी के मौसम में सामान्य व्यक्ति को 7 से 8 ग्लास पानी पीना चाहिए और जो लोग परिश्रम करते हैं अथवा पसीना बहाते हैं उन्हें 10 से 12 गिलास पानी अवश्य पीना चाहिए। धूप में जाने से पहले आधा से एक घंटा पहले सनस्क्रीन का इस्तेमाल त्वचा पर करें और बाहर निकलने से पहले सफेद रंग का कपड़ा मुंह पर बांधे तथा सफेद या हल्के रंग के पूरी बाजू के दस्ताने पहनकर धूप में निकले ताकि धूप के द्वारा प्रचा पर किसी भी प्रकार के नुकसान से बचा जा सके। सनस्क्रीन धूप में निकलने से आधे से एक घंटा पहले लगाने से अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन से बचा जा सकता है सनस्क्रीन प्रचा में अब्सॉर्ब होने में आधा घंटा लेती है। गर्मी में दो से तीन बार सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें और सनस्क्रीन को खरीदते समय एसपीएफ का ध्यान अवश्य रखें, जिस सनस्क्रीन का एसपीएफ 20 से अधिक हो उसी का इस्तेमाल करें साथ में यह भी देखें कि सनस्क्रीन वॉटर रेजिस्टेंट तथा नॉन केडोजेनिक हो। जिन लोगों को दाने या एक्ने की समस्या है उन्हें धूप में निकलने से बचना चाहिए। सनी स्क्रीन की जगह बायोटिन टेबलेट का भी इस्तेमाल किया जा सकता है यह एक मल्टीविटामिन है जो किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाती। गर्मी से होने वाली त्वचा की बीमारियों से बचने के लिए दिन में दो बार अवश्य नहाए, बरसात के मौसम में एक बार नहाना चाहिए ताकि किसी प्रकार की त्वचा पर फंगल की परेशानी ना हो। गर्मियों में शैंपू करने से 1 घंटे पहले तेल लगाना चाहिए कुछ लोग पहले दिन रात को तेल लगाकर सुबह शैंपू करते हैं। सर्दियों के मौसम में ऐसा करना ठीक है परंतु गर्मियों में शैम्पू से मात्र एक घंटा पहले तेल लगाया जाए। पुरुषों को रोजाना शैंपू से नहाना चाहिए जबकि महिलाएं एक दिन छोड़कर एक दिन शैंपू का इस्तेमाल करें। गर्मियों में ज्यादा स्पाइसी खाना ना खाएं, स्पाइसी खाना खाने से खुजली होने की संभावनाएं हो सकती हैं। ताजे फल व फलों के जूस का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें। नहाने में साबुन ब्रांड बदल बदल कर इस्तेमाल करें ताकि किसी एक साबुन से किसी प्रकार की एलर्जी ना हो। पसीने में बदबू आने पर नहाने के उपरांत कपड़े पहनने से पहले कपड़े पर परफ्यूम अथवा डिओडरेंट का स्प्रे कर तब शर्ट पहने, सीधा शरीर पर परफ्यूम अथवा डिओडरेंट का इस्तेमाल ना करें यह त्वचा के लिए बेहतर रहेगा। मौसम बदलते समय गर्मियों में बाल गिरने की समस्या हो जाती है। बाल गिरने की साइकिल 3 माह की होती है। ऐसे में परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, जो बाल गर्मियों में पसीने में गिरते हैं वह स्वत: ही 3 महीने में दोबारा आ जाते हैं। गर्मी से चेहरा अथवा त्वचा जलने पर बर्फ अथवा ठंडे पानी की बोतल से हल्की सी मसाज करें और उसके बाद पानी से धोने से काफी आराम मिलता है। घमौरी गर्मियों में पसीनो के छिद्र के कारण होती है । यह अपने आप स्वत: ही ठीक हो जाती है। घमौरी होने पर किसी भी प्रकार के पाउडर जैसे नयसिल का इस्तेमाल करें, आराम महसूस होगा । गर्मियों में दाद की बीमारी अक्सर बढ़ जाती है यह एक फंगल इंफेक्शन है जो रिंग गार्ड अथवा रिंग कटर लगाने से ठीक हो जाता है। ठीक ना होने की स्थिति में डॉक्टर से संपर्क कर इसका इलाज कराया जा सकता है।इस वेबिनार में आयुष पियूष गोयल, विपुल सिंघल, नवीन अग्रवाल, एस के शर्मा, लक्ष्मी शर्मा, ऋचा सिंह, सारिका, मानसी, राजेंद्र कुमार आदि मौजूद रहे।
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